IndiGo: डीजीसीए के नए नियमों से हिला इंडिगो का परिचालन, पायलट्स एसोसिएशन ने एयरलाइंस पर उठाए सवाल
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों बड़े परिचालन संकट से जूझ रही है। बुधवार को इंडिगो की 150 के करीब उड़ानें रद्द हुईं, जिससे लाखों यात्रियों को भारी परेशानी हुई। हालात ये रहे कि डीजीसीए ने इंडिगो के शीर्ष अधिकारियों को तलब कर जवाब मांग लिया है। क्रू की कमी से जूझ रही देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में परिचालन की समस्या की वजह डीजीसीए के नए नियम FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) हैं। दरअसल इंडिगो में क्रू की कमी है, जिसके चलते डीजीसीए के नए नियमों को लागू करना इंडिगो के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। 1 नवंबर से लागू हुए नियमों के तहत एयरलाइंस को पायलटों, फ्लाइट अटेंडेंट्स को थकान से बचाना होगा ताकि उड़ानों की सुरक्षा प्रभावित न हो। नियमों के तहत सभी एयरलाइंस के क्रू सदस्य एक दिन में आठ घंटे से ज्यादा, हफ्ते में 35 घंटे से ज्यादा और महीने में 125 घंटे से ज्यादा और साल में एक हजार घंटे से ज्यादा उड़ान नहीं भर सकेंगे। साथ ही क्रू सदस्यों को आराम देना भी जरूरी कर दिया गया है। पायलट रात के समय दो से ज्यादा लैंडिंग नहीं करेंगे और क्रू सदस्य दो लगातार रात्रि ड्यूटी के बाद फिर से नाइट शिफ्ट नहीं करेंगे। ऐसे में क्रू की कमी से जूझ रही इंडिगो का परिचालन व्यवस्था चरमरा गया है। इंडिगो ने असुविधा के बाद मांगी माफी, जारी किया बयान इंडिगो एयरलाइन ने भारी संख्या में उड़ानों के रद्द होने के बाद बयान जारी कर यात्रियों से माफी मांगी और साथ ही ये भी कहा कि आगे भी ऐसी समस्या हो सकती है। एयरलाइन ने कहा कि वे अगले 48 घंटों में हालात को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। इंडिगो ने बयान में कहा, 'हम मानते हैं कि इंडिगो नेटवर्क का परिचालन बीते दो दिनों से बुरी तरह से प्रभावित चल रहा है। हम यात्रियों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगते हैं।' एयरलाइन ने परेशानी के लिए तकनीकी गड़बड़ी, खराब मौसम, बढ़ती हुई भीड़ और डीजीसीए के एफडीटीएल नियमों को जिम्मेदार ठहराया। ये भी पढ़ें-Flight Disruptions:इंडिगो की उड़ानों में देरी और रद्द होने की घटनाओं पर DGCA सख्त; एयरलाइन से मांगा जवाब नवंबर में 1232 उड़ानें हुईं रद्द मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले ए320 एयरबस विमानों में सॉफ्टवेयर अपडेट की समस्या और अब डीजीसीए के एफडीटीएल नियमों को लागू करने की वजह से इंडिगो का परिचालन बुरी तरह से प्रभावित रहा। यही वजह रही कि नवंबर माह में इंडिगो की 1232 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें से 755 उड़ानें सिर्फ क्रू की कमी के चलते रद्द हुईं।एटीसी सिस्टम फेल होने की वजह से 92, एयरपोर्ट एयरस्पेस पर प्रतिबंधों के चलते 258 और अन्य कारणों से 127 उड़ानें रद्द हुईं। दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो की 67 उड़ानें रद्द हुईं, बंगलूरू एयरपोर्ट पर 42, हैदराबाद एयरपोर्ट पर 40 और मुंबई एयरपोर्ट पर 33 उड़ानें रद्द हुईं। इंडिगो एयरलाइन समय पर उड़ान भरने वाली एयरलाइन के तौर पर पहचानी जाती है, लेकिन नवंबर में इंडिगो की सिर्फ 67 प्रतिशत फ्लाइट्स ने ही समय पर उड़ान भरी, जबकि अक्तूबर में यह आंकड़ा 84 प्रतिशत था। मंगलवार को यह आंकड़ा सिर्फ 35 प्रतिशत रहा और बुधवार को हालात और भी खराब रह सकते हैं लेकिन अभी तक बुधवार का आंकड़ा उपलब्ध नहीं हुआ है। यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी अपनी 73 साल की पत्नी के साथ शिकागो से अहमदाबाद के लिए फ्लाइन लेने वाले 76 साल के एक यात्री ने बताया, 'हमें बताया गया है कि गुरुवार को सुबह 5.30 बजे के बाद ही कोई फ्लाइट मिल सकेगी। हम दिल्ली में नहीं रहते और उन्होंने हमें रहने की कोई जगह नहीं दी है।' उड़ान रद्द होने के चलते कई यात्रियों की कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी मिस हो गईं। एक महिला यात्री ने बताया कि उनकी कोच्चि जाने वाली दो कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी मिस हो गई हैं। एक यात्री ने बताया कि उनकी दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट पांच घंटे देरी से उड़ी और इस दौरान उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई। पायलट्स की संस्था ने जताई नाराजगी 800 से ज्यादा पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था 'एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया' ने बड़ी एयरलाइंस की पहले से ही रणनीति बनाने की नाकामी' की आलोचना की। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, 'पूरे भारत में हाल ही में उड़ानें रद्द होने से एयरलाइंस के प्रबंधन, DGCA की रेगुलेटरी निगरानी और मार्केट की निष्पक्षता पर बड़े सवाल खड़े होते हैं। मुख्य सवाल यह है कि क्या एयरलाइंस में पायलटों की मौजूदा कमी योजना में नाकामी की वजह से है या सोची-समझी रणनीति के तहत। ज़्यादातर मामलों में यह कई वजहों का मेल है। यह स्थिति बड़ी एयरलाइंस द्वारा 'प्रोएक्टिव रिसोर्स प्लानिंग' की नाकामी की ओर इशारा करती है। ALPA इंडिया DGCA से अपील करता है कि वह एयरलाइन के पास मौजूद पायलटों की संख्या पर विचार करते हुए एयरलाइंस को स्लॉट दे और उनके शेड्यूल को मंजूरी दे, ताकि हाल के फैटीग रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम (FRMS) के विचार को अपनाया जा सके।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 04, 2025, 05:52 IST
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