IndiGo Crisis: समय-सस्ते विमानों से मिली लोकप्रियता, भारत में 65% का बाजार; एक चूक से खड़ा हुआ इतना बड़ा संकट
इंडिगो कभी समय पालन और बड़े पैमाने पर उड़ानों के लिए प्रसिद्ध थी। लेकिन छह दिन में वह देशभर सैकड़ों उड़ानें रद्द कर चुकी है। इसे एयरलाइन के इतिहास का सबसे बड़ा परिचालन संकट माना जा रहा है। इसकी वजह है- नए नियमों के तहत पायलटों की जरूरत का गलत अनुमान लगाना और कर्मचारियों की कमी व कम कर्मचारियों पर निर्भर रहने की रणनीति अपनाना। नए पायलट ड्यूटी-टाइम नियम, कर्मचारियों की कमी और कड़ा की सर्दी में ज्यादा उड़ानों के कारण इंडिगो की चालक दल (क्रू) की प्रणाली में कमी उजागर हुई। एयरलाइन की रणनीति में हर विमान का अधिकतम उपयोग और रात की उड़ानों को बढ़ाना शामिल था। यह रणनीति काम नहीं कर पाई क्योंकि कई पायलटों को अनिवार्य रूप से विश्राम पर भेजा गया। पिछले छह दिनों से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन सैकड़ों उड़ानें रद्द कर चुकी है। रविवार को उसने करीब 650 उड़ानें रद्द कीं, जिससे हजारों यात्री परेशान हुए। कई लोग महत्वपूर्ण बैठकों, नौकरी के लिए इंटरव्यू और शादी में शामिल नहीं हो सके, जबकि कुछ यात्रियों ने आपात चिकित्सा स्थिति का सामना किया।इंडिगो भारत के घरेलू बाजार का 65 फीसदी नियंत्रित करती है, जिससे इस व्यवधान का देश में असर पड़ा और हवाई अड्डों पर भीड़ जमा हो गई। टर्मिनल में निराश और गुस्साए यात्री थे। साथ ही हजारों बैग हवाई अड्डे पर बिखरे पड़े थे। ये भी पढ़ें:इंडिगो संकट पर संसदीय समिति सख्त, सभी निजी एयरलाइंस और DGCA के अधिकारियों को कर सकती है तलब नियामक एजेंसियों ने दखल दिया। किराए पर नियंत्रण और एडवाइजरी जारी की। जबकि एयरलाइन ने शुल्क माफ करने, रिफंड देने और चरणबद्ध तरीके से सेवाएं बहाल करने की घोषणा। इंडिगो और टाटा समूह की एअर इंडिया का 91 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है, इसलिए सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 07, 2025, 16:34 IST
IndiGo Crisis: समय-सस्ते विमानों से मिली लोकप्रियता, भारत में 65% का बाजार; एक चूक से खड़ा हुआ इतना बड़ा संकट #IndiaNews #National #IndigoCrisis #Dgca #SubahSamachar
