Indore News: 10 करोड़ के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश, जानिए कैसे हुई बड़ी गड़बड़ी!

इंदौर नगर निगम को 10 करोड़ का भारी नुकसान हुआ है। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदारों पर विपक्ष के नेता चिंटू चौकसे ने मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं। चौकसे ने आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर ने इंदौर नगर निगम को "अंधेर नगरी चौपट राजा" की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि निगम में अधिकारी और ठेकेदार आपसी मिलीभगत से काम करते हुए नगर निगम के राजस्व को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस मामले को चिंटू चौकसे ने बुधवार को उठाया और इसी दिन मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी। राज्य सरकार का आदेश भी नहीं मान रहे चौकसे ने कहा कि नगर निगम के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि निगम के अधिकारी अब राज्य सरकार के आदेश भी मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम ने सिटी बस कंपनी के माध्यम से बीआरटीएस कॉरिडोर पर यूनिपोल, लॉलीपॉप और बस स्टॉप का ठेका 1 मार्च 2019 को पांच वर्षों के लिए दिया था। यह ठेका जयपुर की कंपनी एनएस पब्लिसिटी को दिया गया था, जिसकी अवधि 1 मार्च 2024 को समाप्त हो गई। इसके बावजूद सिटी बस कंपनी और नगर निगम के मार्केट विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण बीते एक साल से बिना किसी बाधा के कंपनी अपने बोर्ड और प्रचार सामग्री इन स्थानों पर लगाती रही। इस सामग्री को लगाने का शुल्क 10 करोड़ रुपए बनता है, जिसे नगर निगम में जमा नहीं किया गया। लगातार सामने आ रही थी धांधली, आंखें मूंदे बैठे रहे जिम्मेदार चौकसे ने बताया कि नगर निगम ने कोरोना काल का बहाना बनाकर इस कंपनी को छूट देकर ठेके को निरंतर जारी रखने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने इस आदेश को गलत ठहराते हुए नगर निगम और सिटी बस कंपनी को पत्र भी लिखा और स्पष्ट कहा कि इस तरह की छूट देना उचित नहीं है। शासन ने निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से होने वाली टैक्स चोरी और निजी लाभ के इस खेल को उजागर किया। इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी अब भी अपने हितों के कारण इस कंपनी के विज्ञापन बोर्ड लगे रहने दे रहे हैं और उसका कोई शुल्क नहीं ले रहे हैं। कंपनी ने सरकारी संपत्ति भी हड़प ली 2014 में राज्य सरकार ने इस तरह की प्रचार सामग्री को लेकर नीति का निर्धारण किया था। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सड़कों के विभाजन, चौराहों पर, महापुरुषों की प्रतिमाओं के पास और गार्डनों के आसपास यूनिपोल नहीं लगाए जाएंगे। इसके अलावा, शासन ने फुटपाथ को भी इस प्रचार सामग्री से मुक्त रखने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के बावजूद इंदौर नगर निगम के अधिकारियों ने बीआरटीएस कॉरिडोर पर इन नियमों का खुला उल्लंघन किया है। बीआरटीएस कॉरिडोर में लॉलीपॉप के लिए 3 फीट बाय 4 फीट के आकार की अनुमति थी, लेकिन अधिकारियों के संरक्षण के कारण ठेकेदार कंपनी ने इसका आकार बढ़ाकर 3 फीट बाय 5 फीट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने यह भी आरोप लगाया कि भंवरकुआं चौराहे पर आईडीए द्वारा बनाए गए फ्लाईओवर ब्रिज के पास बीआरटीएस कॉरिडोर पर लगी जालियों को निकालकर एजेंसी ले गई। इस तरह इस कंपनी ने सरकारी संपत्ति भी हड़प ली, लेकिन नगर निगम ने इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। महापौर खुद शिकायत दर्ज करवाएं चौकसे ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि महापौर इस मामले में संलिप्त नहीं हैं, तो उन्हें स्वयं लोकायुक्त में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। इसके अलावा, इसमें संलिप्त अधिकारियों को तत्काल जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए। राज्य शासन को भी इस पूरे मामले की रिपोर्ट भेजकर विशेष जांच दल (SIT) बनाकर जांच कराने का आग्रह किया गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 12, 2025, 18:35 IST
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