Lakhimpur Kheri News: दूसरों के प्रति क्षमा भाव रखने की दी प्रेरणा

तिकुनिया। स्वाध्यायी नरेश जैन ने भगवन श्री रामप्रसाद जी महाराज द्वारा रचित भजन भूल अन्य की हो तो माफ करें, अपनी हो तो झटपट साफ करें, गाकर औरों के प्रति क्षमा भाव रखने की प्रेरणा दी। तिकुनिया जैन स्थानक में प्रर्युषण पर्व के अंतिम दिन संवत्सरी पर्व के रूप में मनाते हुए जैन स्वाध्यायी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को गुरुओं की वाणी सुनाई। उन्होंने कहा कि गुरुदेव फरमाते हैं कि झुकना सीखो। झुकने में बहुत कुछ है। अकड़न में कुछ नहीं है। संवत्सरी पर्व को परिभाषित करते हुए जैन स्वाध्यायी ने कहा कि जैसे हम व्यापार में प्रतिदिन की रोकड़ बनाकर साल भर का चिट्ठा देखते हैं, कि क्या खोया, क्या पाया। आज का दिन भी एक तरह से अपने जीवन की रोकड़ बनाने का है। कितना किससे प्रेम बढ़ाया। किससे हमारी अनबन हुई। यदि साल भर में किसी से मन मुटाव कम हुआ है तो आप फायदे में हैं। अनबन, मन मुटाव को भूलकर क्षमा करेंगे तभी संवत्सरी पर्व मनाना सार्थक होगा। स्वाध्यायी आदिश जैन ने भजन संवत्सरी पर्व आया है, संदेश अपना लाया है। सब वैर-विरोध मिटाइए, आध्यात्मिक शांति पाइए। गाकर श्रद्धालुओं को वैर-विरोध मिटाकर प्रेम भाव से रहने की शिक्षा दी। इसके बाद जैन समाज के लोगों ने आध्यात्मिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सोशल मीडिया एवं वृद्धाश्रम पर नाटक मंचन के माध्यम से लोगों को प्रेरणा दी गई। अंत में कार्यक्रम में भाग लेने वाले छोटे-छोटे बच्चों का स्वाध्यायी नरेश जैन ने पुरस्कार देकर उत्साह बढ़ाया। इस अवसर पर दिनेश कुमार जैन, सुदर्शन जैन, प्रदीप जैन, अशोक कुमार जैन, मुकेश कुमार जैन, शीतल प्रसाद जैन, सचिन जैन, अदिश जैन, वरुण जैन, पुनीत जैन, हर्षित जैन, सिद्धि जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे। तिकुनिया जैनस्थानक में नाटक मंचन करनेवाले बच्चों को पुरस्कृतकरते जैन सनत जी। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 27, 2025, 23:14 IST
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