Lakhimpur Kheri News: गोशाला में 7000 की जगह, फिर सड़कों पर पशु छुट्टा... पकड़ने का अभियान भी ठप

लखीमपुर खीरी। जनपद की 144 गोशालाओं में 33 हजार से अधिक छुट्टा पशु संरक्षित हैं, जबकि इनकी क्षमता करीब 40 हजार पशुओं को रखने की है। करीब 12 हजार से अधिक पशु पशुपालकों के सुपुर्द हैं, फिर भी सड़कों पर छुट्टा पशु घूमते हैं। ये पशु सड़क हादसों का कारण तो बनते, किसानों की फसलें भी बर्बाद करते हैं। शहर से लेकर गांवों में हर जगह छुट्टा पशु लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। छुट्टा पशुओं की वजह से लोग तो आए दिन घायल होते हैं, तो वहीं पशु भी वाहनों की चपेट में आने से दिक्कत में आ जाते है। पिछले सप्ताह गोला के अलीगंज रोड पर छुट्टा पशु के हमले में भवानीगंज निवासी 45 वर्षीय सूर्य प्रकाश दीक्षित उर्फ लालू दीक्षित गंभीर घायल हो गए थे, जिनकी तीन दिन बाद मृत्यु हो गई थी। करीब चार माह पहले लखीमपुर की राजापुर मंडी में छुट्टा पशु आपस में लड़ रहे थे, जिसकी चपेट में एक बुजुर्ग व्यापारी आ गए, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। फरवरी 2020 में बिजुआ के दरियाबाद निवासी 60 वर्षीय सोवरनलाल रात में गेहूं की फसल बचाते समय छुट्टा सांड़ के हमले से मौत मौत हो गई थी। नवंबर 2021 को बिजुआ के डिमरौल निवासी 60 वर्षीय ओमप्रकाश की छुट्टा सांड़ के हमले से मौत हो गई थी। इसी प्रकार गदियाना के मजरा हर्रैया निवासी 70 वर्षीय नत्थालाल, 75 वर्षीय मुल्लूराम निवासी मुडियाहेम सिंह की सांड़ के हमले से मौत हुई थी। इसी तरह कईयों की मौत हो चुकी है। --------------------रोडवेज की चपेट में गाय घायलफोटो: 45फरधान। लखीमपुर-गोला मार्ग पर गांव पचपेड़वा के पास रोडवेज बस की चपेट में आने से एक पालतू गाय गंभीर रूप से घायल हो गई। डॉक्टरों ने गाय का प्राथमिक उपचार किया। पचपेड़वा गांव के सामने लखीमपुर गोला मार्ग पर एक गाय सड़क पार कर रही थी। उसी समय लखीमपुर से गोला को जाने वाली रोडवेज बस आ गई। गाय बस के आगे बोनट में फंसकर कुछ दूर सड़क पर घिसट गई। बस चालक ने बस रोककर उसे बाहर निकाला और गाय को सड़क किनारे करने के बाद बस सहित रफूचक्कर हो गया। पशु चिकित्साधिकारी राकेश कुमार ने गाय का इलाज किया, जो खतरे से बाहर है। संवाद ---------------- बाजार में छुट्टा पशु बड़ी समस्या बन गए हैं। ग्राहकों को दुकान तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। कई बार इनके झगड़ों से दुकान का सामान भी गिर जाता है।-नदीम, गोटैयाबाग ------------ बीच सड़क पर जानवर बैठे रहते हैं, जिससे जाम लग जाता है। कई बार अचानक दौड़कर आने से वाहन टकरा जाते हैं।-गोविंद, गोल रोड ------------------- आते-जाते इन पशुओं से परेशानी हो रही है। कई बार बाइक स्किड हो जाती है। छुट्टा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस व्यवस्था जरूरी है।-आर्येंद्र पाल सिंह, जोड़ी बंगला ----------------- अभियान चलाकर पिछले कई माह से छुट्टा पशुओं को पकड़वाया जा रहा है। इन पशुओं को गोशाला भेज दिया जाता है, जिससे सड़क पर लोगों को दिक्कत न हो। शिकायत पर भी पशुओं को नगर पालिका की गाड़ी पकड़ कर गोशाला ले जाती है।-डॉ. इरा श्रीवास्तव, नगर पालिका अध्यक्ष लखीमपुर--------------पशुओं की पकड़ने की जिम्मेदारी बीडीओ व ईओ कीमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश कुमार सचान ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के छुट्टा पशुओं को पकड़ने की जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी व शहरी क्षेत्र के की जिम्मेदारी नगर निकाय के ईओ की है। जिले में 144 गोशालाएं बनीं हैं, जिसमें 33 हजार से अधिक पशु संरक्षित है। पशुओं के इलाज जिम्मेदारी विभाग की है। जिले में छह बड़ी गोशालाएं बन रहीं है, जिसमें एक शुरू हो चुकी और एक शुरू होने वाली है, जिसमें करीब ढ़ाई हजार पशु संरक्षित होंगे। जिले में गोशालाएं पर्याप्त हैं। शहर की बीच सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशु। संवाद शहर की बीच सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशु। संवाद शहर की बीच सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशु। संवाद शहर की बीच सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशु। संवाद शहर की बीच सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशु। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 27, 2025, 23:20 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Lakhimpur Kheri News: गोशाला में 7000 की जगह, फिर सड़कों पर पशु छुट्टा... पकड़ने का अभियान भी ठप #InsteadOf7000AnimalsInTheCowshed #AnimalsAreStillOnTheStreets...TheCampaignToCatchThemHasAlsoStopped #SubahSamachar