UP: क्लेम देने से किया इंकार... बीमा कंपनी को अब देने होंगे 8.85 लाख; छह फीसदी की दर से करेगी ब्याज का भुगतान
यूपी के रायबरेली में बीमा करने के समय आकर्षक स्कीम बताने वाली बीमा कंपनियां पहले लोगों को शर्तों के जाल में फंसाती हैं। पालिसी होने के बाद यदि क्लेम के भुगतान की बारी आती है तो वह खूब लोगों को दौड़ाती हैं। कुछ ऐसा ही बीमा कंपनी श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने पॉलिसी धारक के साथ किया। इस पर उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को 8.85 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। डलमऊ के जहांगीराबाद निवासी आशीष कुमार तिवारी ने 18 दिसंबर 2020 को अपने ट्रक का बीमा राजस्थान की बीमा कंपनी श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से पैकेज पालिसी के तहत कराया। बीमा कंपनी ने ट्रक की मालियत 11.74 लाख के सापेक्ष बीमा किया। दमकल की गाड़ी से आग पर काबू पाया पैकेज पालिसी में ट्रक चारी, आगजनी, लूट आदि का जोखिम कवर दिया गया। वहीं दो मार्च 2021 को लालगंज के पास डलमऊ पर बने पुल के पास अचानक ट्रक में आग लग गई। आग लगने की सूचना वाहन स्वामी ने पुलिस व फायर बिग्रेड को दी गई। मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी से आग पर काबू पाया गया। उसी दिन आशीष कुमार ने बीमा कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर ट्रक में आग लगने की सूचना दी। 13 दिन बाद बीमा कंपनी के सर्वेयर संजय सिंह मौके पर पहुंचे और ट्रक की जांच पड़ताल कर जले ट्रक की मरम्मत के लिए बीमा कंपनी की ओर से अधिकृत सर्विस सेंटर बांबे इंजीनियरिंग वर्क भेजने के लिए कहा। कंपनी ने टाल मटोल किया क्लेम का भुगतान करने के लिए वाहन स्वामी से वर्कशाप से एस्टिमेट व फायर बिग्रेड की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। वर्कशाप की ओर से ट्रक की मरम्मत में 24.93 लाख के खर्च का एस्टिमेट बनाया। वाहन स्वामी की ओर से दावा भुगतान के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर फाइल जमा की गई, लेकिन क्लेम देने में बीमा कंपनी की ओर से टाल मटोल किया गया। बीमा कंपनी के सर्वेयर ने पांच-छह लाख लेने की बात कही गई। पांच जून 2021 को आशीष कुमार ने इंश्योरेंस कंपनी को लीगल नोटिस देकर क्लेम देने की मांग की गई, लेकिन कंपनी की ओर से क्लेम न दिया गया और न कोई जवाब। इस पर नौ नवंबर 2021 को वाहन स्वामी की ओर से उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दाखिल कर क्लेम दिलाने की मांग की गई। ब्याज का भुगतान भी करना होगा उपभोक्ता फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष मदन लाल निगम, सदस्य सुनीता मिश्रा व प्रतिमा सिंह ने 10 फरवरी 2025 को अपना फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी को एक माह में 8.80 लाख रुपये क्लेम के साथ उस पर वाद दाखिल होने से आदेश होने तक बीमा कंपनी को छह फीसदी ब्याज का भुगतान भी करना होगा। उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर क्षतिपूर्ति के मद में 3,000 व वाद व्यय के मद में 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Feb 13, 2025, 16:21 IST
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