Jaigarh Heritage Festival 2025: ऐतिहासिक जयगढ़ किले में होगा दो दिवसीय सांस्कृतिक विरासत का भव्य उत्सव, जानें

जयपुर के प्राचीन जयगढ़ किले में 6 और 7 दिसंबर को जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल 2025 आयोजित होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका आधिकारिक अनावरण किया गया। टीमवर्क आर्ट्स इस आयोजन को महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह के सहयोग से तैयार कर रहा है, जबकि इसकी प्रस्तुति वेदांता कर रहा है। फेस्टिवल का उद्देश्य जयगढ़ किले को एक जीवंत सांस्कृतिक स्थल के रूप में नए आयाम देना है, जहां संगीत, कला, पाक-परंपरा और शिल्प के माध्यम से राजस्थान की विरासत को प्रत्यक्ष अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। पीढ़ियों को जोड़ने वाली सांस्कृतिक पहल महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने कहा कि जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल जयपुर की विविध और समृद्ध सांस्कृतिक पहचान का उत्सव है, जो आधुनिक और पारंपरिक अभिव्यक्तियों को एक नए सांस्कृतिक सेतु के रूप में जोड़ता है। उनके अनुसार यह फेस्टिवल युवाओं और पर्यटकों को शहर की सांस्कृतिक आत्मा और ऐतिहासिक धरोहर को करीब से समझने का अवसर देता है। वेदांता की साझेदारी से विरासत को नई ऊर्जा वेदांता रिसोर्सेज की निदेशक प्रिया अग्रवाल ने इसे भारत की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं का उत्सव बताते हुए कहा कि यह आयोजन कला, संगीत, शिल्प, खानपान और संवादों के माध्यम से दर्शकों को विरासत से जोड़ते हुए पर्यटन को भी नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने इसे सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण और प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। कला और संवाद को मंच देने वाला फेस्टिवल टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजॉय के. रॉय ने कहा कि यह फेस्टिवल कलाकारों और दर्शकों को राजस्थान की किलों में संरक्षित परंपराओं का अनुभव कराने का अवसर देता है। उनके अनुसार हर प्रस्तुति, कार्यशाला और हेरिटेज वॉक प्राचीन कला और इतिहास को समकालीन दृष्टि से समझने का अनूठा माध्यम बनेगी। संगीत, परंपरा और अनुभवों से भरे विशेष कार्यक्रम दो दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में सुबह के संगीत सत्रों में एकोज ऑफ राजस्थान, नूर-ए-खुसरो, सरोद ऐट डॉन और वन साइज फिट्स ऑल जैसी प्रस्तुतियां होंगी। शाम के कार्यक्रमों में पपॉन लाइव, कबीर कैफे, द अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव और रायस्टन एबल का लोकप्रिय मंचन द मंगनियार सेडक्शन प्रमुख आकर्षण होंगे। यह भी पढ़ें-Dharmendra Passes Away:राजस्थान से भी था शोले के 'वीरू' का नाता, मुंबई में रहकर बीकानेर के लिए किया था यह काम लोक परंपराओं के अंतर्गत नथूलाल सोलंकी, पपेटशाला और श्योपत जूलिया अपनी कला प्रस्तुत करेंगे। फेस्टिवल में हेरिटेज वॉक, शिल्प कार्यशालाएं, पाक-परंपरा सत्र और स्थापत्य पर चर्चाएं भी होंगी। साथ ही जयपुर की उभरती शहरी पहचान पर संवाद आयोजित किए जाएंगे, जिसके माध्यम से परंपरा और आधुनिकता का मेल प्रस्तुत किया जाएगा। जयगढ़ का विस्तृत परिसर इन दो दिनों में एक सक्रिय सांस्कृतिक प्रयोगशाला में बदल जाएगा, जहां लोक कला, आधुनिक मंचीय प्रयोग और ऐतिहासिक विरासत का अद्भुत संगम दिखाई देगा। टिकट और प्रवेश व्यवस्था फेस्टिवल के लिए रॉयल पास, फेस्टिवल पास, ईवनिंग पास और डे पास जारी किए गए हैं। इन्हें twagateway.com/jaigarh25 पर ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। इन पास में विभिन्न प्रस्तुतियों, कार्यशालाओं, हेरिटेज वॉक और किले में होने वाले विशेष कार्यक्रमों का प्रवेश शामिल रहेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 24, 2025, 19:21 IST
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