कथा सुनने से हर मनोकामना होती है पूरी : शास्त्री

त्रिलोकपुर में श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा दिनसंवाद न्यूज एजेंसीदोमाना। श्रीमद्भागवत कथा जहां हो रही हो वहां पर कुछ सीखने और प्सासे बनकर आएं। इसके श्रवण से हर मनोकामना पूर्ण होती है।यह ज्ञान कथा वाचक मृदुल मोहन शास्त्री ने त्रिलोकपुर में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन संगत को दिया। कथा वाचक ने शनिवार को अमर कथा और शुकदेवजी के जन्म का वृतांत विस्तार से सुना कर संगत को निहाल कर दिया। उन्होंने कहा कि आप सब पर ठाकुर जी की कृपा है, जिसकी वजह से कथा का आनंद ले रहे हैं। मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है। लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान सांसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है। हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है। अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या संपदा नहीं है। भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए हैं। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। यह कथा 25 अप्रैल तक होगी। इस अवसर पर त्रिलोकपुर के पूर्व सरपंच राजकुमार शर्मा, जय पाल शर्मा, सोनी शर्मा व सुभाष चंद्र आदि मौजूद रहे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 20, 2025, 03:06 IST
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