Jammu Kashmir Election: सूफी की नगरी में पूर्व मंत्रियों में जंग, राथर और हंजूरा के बीच सीधी टक्कर
घाटी के प्रमुख तीर्थस्थलों में शुमार चरार ए शरीफ के नाम इस विधानसभा में दो पूर्व मंत्रियों के बीच सीधी जंग है। चुनाव में भाजपा और इंजीनियर रशीद की आवामी इत्तेहाद पार्टी भी चौकाने वाले नतीजों को लेकर मैदान में है। फिलहाल, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) प्रत्याशी और यहां से छह बार विधायक रह चुके पूर्व मंत्री अब्दुल रहीम राथर इस चुनाव में फिर मैदान में हैं। उनके खिलाफ पीडीपी ने पूर्व मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा को उतारा है। हंजूरा ने वर्ष 2014 में चुनाव में राथर के 36 साल पुराने वर्चस्व को चुनौती देते हुए जीत दर्ज की थी। इस बार दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है। भाजपा ने नगर पालिका समिति के पूर्व मेयर जाहिर हुसैन जान पर दांव लगाकर चुनाव का रूख मोड़ने की कोशिश की है। फिलहाल, सुरसराय में नेकां की सभा में राथर भाजपा के बहाने पीडीपी पर निशाना साधते हैं और कहते हैं कि भविष्य के नुकसान का ख्याल कर वोट करना होगा। जलसे के बाद इमरान नवी कहते हैं कि नेकां और पीडीपी के बीच की लड़ाई में दूसरे दलों के साथ निर्दलीयों को मिलने वाला वोट ज्यादा मायने रखेगा। यहां मुकाबला नजदीकी होगा और हमें कश्मीर की हिफाजत के लिए वोट करना है। शमीम अहमद कहते हैं कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद हमारी इज्जत चली गई। कश्मीरी लोगों का अधिकार खत्म हो गया है। अब हमें ऐसी गलती नहीं करनी है, जिससे हमारे हक और हुकूक तक कोई पहुंचे। बाजार में खरीदारी कर रहे आबशार अली कहते हैं कि लड़ाई तो दो ही पार्टी में है। सालों का किला गिरा तो पिछली बार कुछ काम हुए। अब माहौल अलग है। यहां से आठ उम्मीदवार हैं और बाकी के छह को मिलने वाला वोट भी जीत हार तय करेगा। कश्मीर में सूफीवाद के केंद्र के रूप में विख्यात चरार ए शरीफ में हर जुबान पर 90 के दशक की कहानी है। इलाके की मजार की देखभाल करने वाले कमेटी के सदस्य शिराज अहमद कहते हैं कि आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प के दौरान श्राइन को भारी क्षति पहुंची थी। श्राइन के पुनर्निर्माण और उसके पूर्व गौरव को बहाल करने के सफल प्रयास हुए हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 24, 2024, 16:38 IST
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