झांसी आयुर्वेदिक कॉलेज: 90 साल पुरानी बिल्डिंग का होगा नवीनीकरण, बनेगी पंचकर्म यूनिट

बुंदेलखंड राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में नई पंचकर्म यूनिट बनेगी। इसके अलावा 90 साल पुरानी इमारत का नवीनीकरण भी होगा। शासन ने दोनों ही कार्यों के लिए बजट को मंजूरी दे दी है। नवंबर से काम भी शुरू हो जाएगा। 1934 में बने बुंदेलखंड राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में सात विभागों की ओपीडी रोजाना संचालित होती हैं। बताया गया कि पहले शालाक्य तंत्र ओपीडी में आंख, कान और दांत की बीमारियों के मरीजों को चिकित्सक देखते थे। 2024 में नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की ओर से आदेश जारी किया गया कि इन तीनों बीमारियों से जुड़े मरीजों की ओपीडी अलग-अलग खोली जाए। चूंकि कॉलेज में नई ओपीडी शुरू करने के लिए जगह नहीं है, ऐसे में कॉलेज प्रशासन की तरफ से शासन को ओपीडी के बगल वाली इमारत के नवीनीकरण का प्रस्ताव भेजा गया था। पहले इसी बिल्डिंग में पूरा अस्पताल चलता था मगर बाद में इमारत पुरानी हो जाने पर करीब 20 साल पहले निष्प्रयोज्य घोषित कर दी गई। अब इसके नवीनीकरण के लिए बजट मिल गया है। यहां पर पांच नई ओपीडी शुरू होनी है। इनमें आंख, कान और दांत की अलग-अलग ओपीडी भी यहीं पर संचालित होंगी। इसके अलावा, अब स्क्रीनिंग की भी अलग से ओपीडी शुरू होनी है। वहीं, अगद तंत्र की भी नई ओपीडी शुरू की जानी है, जिसमें विषपान और सांप, बिच्छू समेत जहरीले जीवों के काटने के बाद बीमार पड़े व्यक्ति का इलाज होगा। ये सभी ओपीडी नवीनीकरण की जाने वाली इमारत में खुलेंगी। यहां दो बड़े कक्ष होंगे, जिसमें वार्ड शुरू किया जाएगा। इसके अलावा ऑपरेशन थिएटर भी होगा। प्रसव कक्ष भी बनेगा। यहां रेडियोलॉजिकल जांचें भी होंगी। नई मशीनें आएंगी, ओटी कॉम्प्लेक्स भी बनेगा पुराने महिला छात्रावास के पीछे बनने वाली पंचकर्म यूनिट में एक्सरे से लेकर अल्ट्रासाउंड तक की नई मशीनें आएंगी। यहां पर ओटी कॉम्प्लेक्स भी होगा, जहां बड़ी सर्जरी की जाएंगी। एक्सरे कक्ष से लेकर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के चैंबर तक बनेंगे। इन समस्याओं से जूझने वाले कराते हैं पंचकर्म त्वचा और बालों की समस्याओं से ग्रसित लोग। तनाव, चिंता और नींद न आने की समस्या होना। बार-बार बीमार पड़ना और शरीर में कमजोरी महसूस करना। पाचन तंत्र कमजोर होना। बार-बार गैस, अपच आदि की समस्या होना। मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और गठिया रोग से पीड़ित मरीज। बुंदेलखंड राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकृष्ण राठौर पुरानी इमारत के नवीनीकरण के लिए 1.40 करोड़ और नई पंचकर्म यूनिट के लिए 15 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं। कार्यदायी संस्था भी नामित हो गई है। इनका कार्य नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है। रोजाना 200 कराते हैं पंचकर्म रोजाना 200 लोग कराने आते हैं पंचकर्म आयुर्वेदिक कॉलेज में रोजाना 200 लोग पंचकर्म कराने के लिए आते हैं। इसके लिए चार चिकित्सकों के पद सृजित हैं। इनमें सिर्फ आचार्य की तैनाती नहीं है। हालांकि, उनके स्थान पर चिकित्सा अधिकारी संबद्ध किया गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 24, 2025, 10:09 IST
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