15 हजार रिश्वत लेते आवास विकास का कनिष्ठ सहायक रंगे हाथों गिरफ्तार

मेरठ। एंटी करप्शन की टीम ने बुधवार को आवास विकास परिषद कार्यालय से कनिष्ठ लिपिक परमीत कुमार निवासी सोमदत्त सिटी को एक आवंटी से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। टीम ने आरोपी लिपिक को थाना नौचंदी पुलिस को सौंप दिया। वे जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 का कार्य देख रहे इसके खिलाफ टीम लीडर इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने भ्रष्टाचार की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। अब से पहले भी एक लिपिक रिश्वत लेते पकड़ा गया था।आवास विकास परिषद कार्यालय में भ्रष्टाचार का नया मामला नहीं है। अब से पहले भी कर्मचारी और अधिकारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगते रहे हैं। थाना एंटी करप्शन प्रभारी दुर्गेश कुमार के अनुसार कपड़ा व्यापारी जगानंद निवासी जागृति विहार को योजना में एक फ्लैट आवंटित हुआ था। जिसकी समय पर किस्त जमा नहीं की गई थी। आवास विकास की योजना के मुताबिक आवंटी को भवन को पुनर्जीवित करा कर कब्जा दिलाने की भी व्यवस्था है। इसके एवज में लिपिक परमीत कुमार 15 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।ऐसी बनाई योजनापीड़ित कपड़ा व्यापार जगानंद ने 19 मई को एंटी करप्शन थाने में लिपिक परमीत कुमार की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद एंटी करप्शन के प्रभारी दुर्गेश कुमार ने जिलाधिकारी को शिकायत से अवगत कराया। डीएम के आदेश पर दो प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किए गए। एंटी करप्शन थाने की इंस्पेक्टर अर्चना के नेतृत्व में 16 सदस्यों की टीम गठित की। दोनों प्रशासनिक अधिकारी भी टीम में गवाह के रूप में शामिल गए।बुधवार को दोपहर 12.30 बजे टीम आवास विकास परिषद कार्यालय पहुंची। भ्रष्टाचारी को पकड़ने का जाल बिछाया गया। जगानंद का विशेष पाउडर लगे 15 हजार रुपये दिए। जगानंद ने फोन पर लिपिक परमीत कुमार से मिलने की बात कही। उसने कहा कि वो अभी रजिस्ट्री कार्यालय में है। लगभग 3.40 बजे परमीत अपने केबिन में पहुंचा और जगानंद से रिश्वत के 15 हजार रुपये लिए। उसी समय टीम ने इसको गिरफ्तार कर लिया। कार्यालय में ही सभी के सामने टीम ने हाथ धुलाने की प्रक्रिया की गई। बाद में उसे नौचंदी थाने लाया गया। वहां उसे पुलिस को हवाले कर इंस्पेक्टर अर्चना की ओर से उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। प्रभारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।------------- वर्जन:-इस संबंध में आवास विकास परिषद के संपत्ति अधिकारी सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली जाएगी। जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। विभाग को रिपोर्ट भेज कर आरोपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।----------------

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 22, 2025, 02:57 IST
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