ज्योति मल्होत्रा के पिता बोले: पुलिस ने मुझे धोखा दिया, बेटी की पेशी का गलत समय बताया; 40 मिनट तक चली बहस
जासूसी की आरोपी ज्योति मल्होत्रा के पिता हरीश मल्होत्रा ने वीरवार को कहा कि वकील करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। बेटी से मिलने के लिए जाना चाहता था। पुलिस ने दोपहर 12 बजे का समय दिया। दोपहर 12 बजे पता लगा कि ज्योति को फिर से रिमांड पर भेज दिया है। गलत समय बताकर पुलिस ने मेरे साथ धोखा किया। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पास तो मोबाइल भी नहीं है। मैंने पुलिसकर्मियों से ज्योति के बारे में पूछा तो बताया था कि वीरवार दोपहर 12 बजे बाद उसे कोर्ट में पेश करेंगे। कोर्ट में आ जाना, आपको ज्योति से मिलवा देंगे। सुबह 11 बजे मेरे घर दो पत्रकार आए, उन्होंने बताया कि ज्योति को दोबारा से रिमांड पर भेज दिया है। वह कोर्ट में नहीं है। ज्योति के लिए वकील नियुक्त करने के बारे में पूछा तो कहा कि मैं तो किसी वकील को जानता नहीं। मेरे पास पैसे भी नहीं हैं। मोबाइल-लैपटॉप की फॉरेंसिक रिपोर्ट आने और अन्य पूछताछ के लिए ज्योति का रिमांड 4 दिन बढ़ाया बता दें कि ज्योति मल्होत्रा को पांच दिन का रिमांड पूरा होने के बाद वीरवार सुबह करीब 9.30 बजे सिविल जज ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सुनील कुमार अदालत में पेश किया गया था। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि आरोपी के मोबाइल और लैपटॉप की फॉरेंसिक रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। दूसरे राज्यों की पुलिस ने भी पूछताछ के लिए संपर्क किया है। इस आधार पर 7 दिन का और रिमांड चाहिए। ज्योति की ओर से पेश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के वकील के बीच इस मुद्दे पर 40 मिनट तक बहस सुनने के बाद अदालत ने ज्योति को चार दिन के रिमांड पर भेज दिया। सिविल लाइन थाना पुलिस ने पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में ज्योति मल्होत्रा को उसके आवास से 16 मई की रात गिरफ्तार कर 17 मई को अदालत के आदेश पर पांच दिन के रिमांड पर लिया था। बुधवार को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर निर्मला ने आरोपी की जीमनी (जांच रिपोर्ट) पेश की। उन्होंने अदालत के समक्ष बताया कि ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल और लैपटॉप को जांच के लिए मधुबन स्थित फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। रिमांड के दौरान पूछताछ में ज्योति के पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव(पीआईओ) से संपर्क के साक्ष्य मिले हैं। मोबाइल तथा लैपटॉप का डेटा मिलने के बाद पता चलेगा कि ज्योति ने पीआईओ से किस तरह की सूचनाएं साझा की थीं। ज्योति ने देश के सीमावर्ती राज्यों में भी बॉर्डर पर जाकर वीडियो बनाए हैं। ऐसे में उन राज्यों की पुलिस भी पूछताछ करना चाहती है। काले रंग के शीशों वाली गाड़ी में लेकर पहुंची पुलिस सिविल लाइन थाना पुलिस मीडिया से बचाने के लिए ज्योति मल्होत्रा को पुलिस वाहन के बजाय काले रंग के शीशे वाली स्कॉर्पियो में बैठाकर अदालत के गेट नंबर एक से अंदर लाई। इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त थे। अदालत परिसर में 40 से अधिक पुलिसकर्मी अलग अलग स्थानों पर तैनात किए गए। कुछ पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में भी लगाए गए थे। अदालत में पेशी से पहले सभी लोगों को वहां से हटा दिया गया। हाव-भाव से सामान्य दिखी ज्योति कोर्ट रूम में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियाें ने बताया कि ज्योति के चेहरे पर किसी तरह का डर नहीं था। वह सामान्य तरीके से अदालत में पेश हुई। न तो उसने जमानत के लिए किसी तरह की बात कही न ही रिमांड बढ़ाए जाने पर कुछ बोला। वह केवल बहस को सुनती रही। उसने जज के समक्ष कोई बात नहीं रखी। उससे जितना पूछा गया केवल उतना ही जवाब दिया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: May 23, 2025, 10:02 IST
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