मौजूदा वक्त में राह दिखाती कैलाश गौतम की कविता: ममता से, करुणा से
ममता से, करुणा से, नेह से दुलार से घाव जहाँ भी देखो, सहलाओ प्यार से । नारों से भरो नहीं भरो नहीं वादों से अंतराल भरो सदा गीतों-संवादों से हो जाएँगे पठार शर्तिया कछार से ।
- Source: www.amarujala.com
- Published: May 11, 2020, 20:09 IST
मौजूदा वक्त में राह दिखाती कैलाश गौतम की कविता: ममता से, करुणा से #Kavya #Kavita #Irshaad #KailashGautam #कैलाशगौतम #BhojpuriKavita #भोजपुरीकविता #BhojpuriKavya #भोजपुरीकाव्य #KailashGautamPoems #SubahSamachar