Kashmir Attack : आतंकियों ने हमला करके स्थानीय लोगों से किया अघोषित करार तोड़ा, कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर चोट

पहलगाम में सैलानियों पर हुए आतंकी हमले ने स्थानीय कश्मीरियों और आतंकवादियों के बीच सालों से चले आ रहे एक अघोषित करार को तोड़ दिया है। यह अघोषित करार था कि कोई भी आतंकवादी संगठन किसी भी पर्यटक और अमरनाथ यात्रियों पर हमला नहीं करेगा। पर्यटन और धार्मिक यात्रा कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इनपर होने वाले आतंकी हमलों का सीधा असर स्थानीय अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार पर पड़ेगा। घाटी में इसी वजह से आतंकी पिछले कई वर्षों से सिर्फ सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे थे और पर्यटक कश्मीर के लाल चौक समेत अन्य दूर-दराज की जगहों पर पूरी तसल्ली से बिना किसी भय के घूमते थे। खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन इस अघोषित करार पर इसलिए तैयार हुए क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि यदि वे नहीं माने तो स्थानीय कश्मीरी उन्हें अपना समर्थन नहीं देंगे। बिना स्थानीय लोगों की मदद के आतंकवादियों को छिपने और हमले के बाद बच निकलने का मौका मिलना संभव नहीं है। ऐसे में वे लंबे समय तक राज्य में अपनी गतिविधियां नहीं चला सकते। Terrorist Attack:पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला; श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए एअर इंडिया की विशेष सेवा अधिकारी ने बताया कि धारा 370 खत्म होने और लोकतंत्र के नए माहौल में किसी आतंकी संगठन का यह दुस्साहस सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ अब खुद आतंकियों के लिए भी नई चुनौती बन सकता है। लश्कर से जुड़े द रेसिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) नामक संगठन ने स्थानीय समर्थन खोने के जोखिम पर इस हमले को अंजाम दिया है। वैसे इस संगठन के असल इरादे जांच के बाद ही सामने आएंगे। इससे पहले एक और दो अगस्त, 2000 को आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया था और तब अलग-अलग पांच वारदातों में कुल 89 लोग मारे गए थे। 2001 में किश्तवाड़ में ऐसे ही हमले में 43 यात्री मारे गए। हालांकि इसके बाद से कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ किसी सैलानी या श्रद्धालु पर आतंकी हमला नहीं हुआ। 2020 से फिर शुरू हुई सैलानियों पर हमले की घटना सैलानियों पर हमले की धटना 2020 के बाद से फिर तब देखी गई, जब पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा समर्थित टीआरएफ वजूद में आया। इसने 9 जून, 2024 को रियासी में सैलानियों पर हमला किया जिसमें 9 की मौत हुई और 41 घायल हुए। उसी साल अक्तूबर में इसने एक डॉक्टर समेत छह मजदूरों को मारा। टीआरएफ अब तक 22 आम लगों की हत्या कर चुका है। गृहमंत्रालय की ओर से संसद में एक सवाल के जवाब में कहा गया है कि 2019 में गठित टीआरएस आम लोगों को निशाना बनाता है। इसपर 2023 में यूएपीए के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 23, 2025, 05:15 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Kashmir Attack : आतंकियों ने हमला करके स्थानीय लोगों से किया अघोषित करार तोड़ा, कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर चोट #CityStates #Delhi #Jammu #KashmirAttack #SubahSamachar