बीएचयू में प्रोफेसर पर हमला प्रकरण: शिक्षक बनने से एक कदम दूर था कासिम बाबू, छह नंबर पाकर बना टॉप-10 आवेदक
बीएचयू के तेलुगु प्रोफेसर पर हमले का सूत्रधार कासिम बाबू बीएचयू में प्रोफेसर बनने से सिर्फ एक कदम ही दूर था। वह टॉप-10 आवेदकों में शामिल हो गया था। सिर्फ इंटरव्यू की औपचारिकता पूरी करनी थी। हमले कराने वाले मास्टरमाइंड के गुरु और तेलुगु के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. बुदाती वेंकटेश्वर लू अपने करीबी कासिम बाबू को असिस्टेंट प्रोफेसर के इंटरव्यू के लिए तैयार करा रहे थे। तभी वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामामूर्ति ने संभावनाओं पर पानी फेर दिया। रिक्रूटमेंट एंड एसेसमेंट सेल (आरएसी) ने प्रो. रामामूर्ति को तेलुगु आवेदकों का विवरण भेजा तो जांच में पता चला कि कासिम बाबू ने तीन साल तक मैसूर में प्रोजेक्ट में ही काम किया है। उसके इसी प्रोजेक्ट वर्क को पीडीएफ में कंन्वर्ट करने की प्रक्रिया के तहत पोस्ट डॉक्टोरल फेलो (पीडीएफ) की तरह से 6 अतिरिक्त नंबर दे दिए गए। इससे वह इंटरव्यू के लिए बीएचयू के टॉप 10 आवेदकों में शामिल हो गया और उसकी दावेदारी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पक्की हो गई थी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 06, 2025, 22:00 IST
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