चंडीगढ़ में लॉरेंस के करीबी इंदरप्रीत पैरी की हत्या

चंडीगढ़ का सेक्टर-26 सोमवार की शाम गोलियों की तड़तड़ाहट से दहशत में डूब गया। लॉरेंस बिश्नोई के जिगरी दोस्त और कुख्यात गैंगस्टर इंदरप्रीत सिंह उर्फ पैरी की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई। शाम करीब 6.15 बजे हुए इस खौफनाक हत्याकांड को चंडीगढ़ में गैंगवॉर की वापसी माना जा रहा है और पुलिस की प्राथमिक जांच भी इसी इशारे की तरफ जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पैरी अपनी किया कार में टिंबर मार्केट से गुजर रहा था। तभी एक दूसरी कार अचानक उसकी गाड़ी के आगे आकर घेरे में रोक दी गई। पैरी कुछ समझ पाता, उससे पहले हमलावरों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। उसके छाती, कंधे और पीठ पर 5 गोलियां लगीं। हमला इतना तेज और पेशेवर था कि पैरी मौके पर ही ढेर हो गया। इस वारदात की सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि हमलावरों में से एक ने पूरे हत्याकांड की LIVE वीडियो कॉल किसी गैंगस्टर को दिखाई जो उस समय अमेरिका में बैठा घटना देख रहा था। यह विवरण पुलिस के लिए बेहद अहम सुराग बन गया है, क्योंकि यह सीधे-सीधे अंतरराष्ट्रीय गैंग कनेक्शन की ओर इशारा करता है। पैरी की हत्या के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने साफ कहा है कि जांच का बड़ा एंगल लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के बीच चल रही तनातनी है। पुलिस को आशंका है कि गोल्डी बराड़ के गुर्गों ने ही पैरी को निशाना बनाया। पैरी का मोबाइल बरामद हुआ है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिरी कॉल किससे हुई थी। यह टकराव पिछले कुछ महीनों से उभर रहा था, और अब यह हत्या एक बड़े गैंगवॉर का संकेत हो सकती है। इंदरप्रीत सिंह उर्फ पैरी पर चंडीगढ़ और पंजाब में 12 से ज्यादा केस दर्ज थे- • रंगदारी • हथियार सप्लाई • हत्या की साजिश • जान से मारने की धमकी • गैंग कनेक्शन जनवरी 2023 में SSOC पंजाब ने उसे गिरफ्तार किया था। वह सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की साजिश रचने वाले गोल्डी बराड़–लॉरेंस मॉड्यूल के संपर्कों में था। इसके अलावा वह डेरा प्रेमी प्रदीप कुमार की हत्या के मामले में भी पकड़ा गया था। एक समय पैरी ने पंजाब पुलिस की कस्टडी से लॉरेंस बिश्नोई को फरार कराने की कोशिश की थी, जब लॉरेंस को नेपाल से दबोचा गया था। इस घटना के बाद से ही वह पुलिस और कई गैंग्स की निगरानी में था। सूत्रों के अनुसार पैरी चंडीगढ़–पंचकूला–मोहाली में रंगदारी वसूली का पूरा नेटवर्क संभालता था। नामी बार, डिस्कोथेक, क्लब और ट्रांसपोर्टर्स से वसूली कर वह पैसा लॉरेंस और गोल्डी गैंग तक पहुंचाता था। 2022 में आर्म्स एक्ट में गिरफ़्तार होने पर उसके पास से दो पिस्तौल बरामद हुए थे। वह दो महीने जेल में रहा और फिर जमानत पर बाहर आ गया। पैरी की हत्या न सिर्फ एक गैंगस्टर की मौत है, बल्कि यह चंडीगढ़ में गैंगवॉर के फिर से भड़कने का संकेत है। पुलिस हाई अलर्ट पर है और कई संदिग्धों की तलाश जारी है। मगर सबसे बड़ा सवाल- क्या यह मात्र हत्या है, या ट्राईसिटी में गैंगस्टर राज की फिर से शुरुआत जांच आगे बढ़ने के साथ तस्वीर और साफ होगी, लेकिन फिलहाल शहर में दहशत का माहौल है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 02, 2025, 04:46 IST
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