Shahjahanpur News: एक ही पुकार पर प्रह्लाद की तरह भक्त की रक्षा करते हैं भगवान
पुवायां। वृंदावन से आए आचार्य रासबिहारी कौशिक ने रविवार को पुवायां के जसवंत पैलेस में श्रीमद्भागवत कथा में भक्त प्रह्लाद का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान को सच्चे मन से याद किया जाए तो वह एक ही पुकार पर दौड़े चले आते हैं। आचार्य ने सुनाया कि हिरण्यकश्यप एक शक्तिशाली असुर था, जिसने भगवान ब्रह्मा से वर प्राप्त किया। वर पाने के बाद अहंकार में उसने खुद को भगवान घोषित कर दिया और आदेश दिया कि अब सभी लोग केवल उसकी पूजा करें। हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को बहन होलिका को देकर जलाने के लिए कहा, लेकिन होलिका खुद ही भस्म हो गई। इसके आद हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को खंभे से बांध कर मारने का प्रयास किया तो भगवान ने नरसिंह रूप में खंभे से प्रकट होकर हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। कथा के बाद आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। कथा 21 नवंबर तक चलेगी। संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 16, 2025, 18:03 IST
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