Limit On Bangladeshi Import: अब भारत में छोटे उद्योगों को लाभ; ब्रिटेन के साथ भारतीय परिधान का बढ़ेगा कारोबार

भारत की ओर से बांग्लादेश की कुछ वस्तुओं के आयात पर लगे प्रतिबंध से देश के छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को फायदा होगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटीव (जीटीआरआई) ने कहा, इस फैसले से घरेलू रेडीमेड गारमेंट उद्योग को अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत ने 17 मई को बांग्लादेश से 77 करोड़ डॉलर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। यह द्विपक्षीय आयात का 42 फीसदी है। 61.8 करोड़ डॉलर मूल्य के रेडीमेड गारमेंट्स को अब केवल दो भारतीय बंदरगाहों के जरिये ही भेजा जा सकेगा। इससे बांग्लादेश के लिए सबसे मूल्यवान निर्यात चैनल पर गंभीर प्रतिबंध लग गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कपड़ा कंपनियां लंबे समय से बांग्लादेशी निर्यातकों को मिल रही प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त का विरोध करती रही हैं, जो शुल्क मुक्त चीनी कपड़ा आयात और निर्यात सब्सिडी से लाभान्वित होते हैं। इससे उन्हें भारतीय बाजार में 10-15 फीसदी मूल्य लाभ मिलता है। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के उपाध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, यह प्रतिबंध भारत सरकार का यह अच्छा निर्णय है। इससे घरेलू उद्योग को लाभ होगा। ब्रिटेन के साथ भारतीय परिधान का बढ़ेगा कारोबार क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, ब्रिटेन के साथ भारत के परिधान और घरेलू वस्त्र व्यापार में वृद्धि होने की उम्मीद है। भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में संपन्न एफटीए के कारण अगले 5-6 वर्षों में ब्रिटेन के साथ भारत का परिधान और घरेलू वस्त्र व्यापार अपने वर्तमान स्तर से दोगुना होने की उम्मीद है। इस समझौते के तहत भारत 90 प्रतिशत ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ कम करेगा, जबकि 85 प्रतिशत दस साल की अवधि में पूरी तरह से शुल्क मुक्त हो जाएंगे। बदले में, ब्रिटेन ने कुछ उत्पादों पर अपने टैरिफ कम करने पर सहमति जताई है, जिसके परिणामस्वरूप भारत से ब्रिटेन को किए जाने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। भारत को बातचीत के लिए खुला रखना चाहिए दरवाजा रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश भले ही चीन के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है, लेकिन भारत को बातचीत के लिए दरवाजा बंद नहीं करना चाहिए। बड़े पड़ोसी और क्षेत्रीय शक्ति के रूप में भारत पर धैर्य के साथ नेतृत्व करने, संवाद को खुला रखने और व्यापार को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से बचने की बड़ी जिम्मेदारी है। भारत ब्रिटेन का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भारत वर्तमान में ब्रिटेन का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। परिधान और घरेलू वस्त्रों के आयात में यह पांचवें स्थान पर है। 2024 में ब्रिटेन द्वारा भारत से आयातित परिधान और घरेलू वस्त्रों का मूल्य 1.4 अरब डॉलर था। अमेरिका और यूरोपीय संघ भारतीय परिधान और घरेलू वस्त्र निर्यातकों के लिए प्रमुख निर्यात बाजार बने रहेंगे, जिनकी वर्ष 2024 में 61 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 19, 2025, 06:35 IST
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