Barwani News: मैडम के नाम पर रिश्वत मांगने के मामले में तत्कालीन सीईओ पर मामला दर्ज, 10 लाख मांगे थे

बड़वानी जिले के जनपद पंचायत पाटी के तत्कालीन सीईओ निलेश नाग पर लोकायुक्त ने रिश्वत मांगने का गंभीर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें मोबाइल पर हुई बातचित की रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया। जिले की पाटी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत कंद्रा के सचिव मोती खरते और ग्राम पंचायत लिंबी के सचिव कैलाश सोलंकी ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर राजेश सहाय को शिकायत की थी। आवेदकों ने आरोप लगाया कि पाटी जनपद सीईओ निलेश नाग ने पंचायत में हुए निर्माण कार्यों की जांच नहीं करने के एवज में 10-10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। दोनों सचिवों ने निलेश नाग के साथ हुई मोबाइल वार्ता को रिकॉर्ड कर लिया और इस रिकॉर्डिंग को पेन ड्राइव के माध्यम से आवेदन के साथ लोकायुक्त पुलिस को सौंपा। शिकायत मिलने के बाद उप पुलिस अधीक्षक सुनील तालान को मामले की जांच सौंपी गई थी। बता देंउक्त वायरल ऑडियो में अधिकारी ने कार्रवाई नहीं करने के एवज में किसी मैडम के नाम से 10-10 लाख की रिश्वत की मांग की थी। अब देखना होगा इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। ये भी पढ़ें-अनंत चतुदर्शी:इंदौर में बिजली नहीं होने पर दिन में निकलती थी झांकियां, 102 साल पहले हुकुमचंद ने की थी शुरुआत जांच में प्रमाणित हुई रिश्वत की मांग जांच अधिकारी उप पुलिस अधिक्षक लोकायुक्त इंदौर सुनील तालान ने अमर उजाला को बताया कि रिकॉर्डिंग और तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें निलेश नाग द्वारा रिश्वत की मांग प्रमाणित पाई गई। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधन 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी। जयस ने किया था बड़ा आंदोलन बता दें करीब एक माह पूर्व आदिवासी सरपंचों और सचिवों से 10 लाख रुपए की कथित अवैध वसूली का ऑडियो सामने आने के बाद जयस संगठन ने बड़वानी जिला पंचायत कार्यालय के बाहर बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू किया था। संगठन ने रैली और चक्काजाम के साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई और विशेष जांच दल से मामले की जांच की मांग उठाई थी। ये भी पढ़ें-'मेरी मौत का जिम्मेदार राजपाल सर', हथेली पर सुसाइड नोट लिखकर युवक ने दी जान, जानें मामला जिला पंचायत अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे धरना प्रदर्शन के दौरान जयस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजू पटेल ने आरोप लगाया था कि बड़वानी की 416 ग्राम पंचायतों में से कई जगह जिला पंचायत सीईओ काजल जावला जांच के नाम पर रुपए लेकर क्लीन चिट देती हैं। वहीं, रुपए नहीं देने वाले सरपंचों और सचिवों पर एफआईआर दर्ज कराई जाती है। राजू पटेल ने ग्राम पंचायत लिंबी, बेरवाड़ा, कंदरा, आंवली और ओसाडा के नाम गिनाए, जहां 10 लाख रुपए नहीं देने पर एफआईआर दर्ज हुई थी। जयस ने इस पूरे मामले की जांच विशेष दल से कराने के साथ जिला पंचायत सीईओ काजल जावला और तत्कालीन जनपद पंचायत पाटी के सीईओ नीलेश नाग को निलंबित करने की मांग की थी। जिला सीईओ ने बताया आरोप निराधार धरना प्रदर्शन के बाद जिला पंचायत सीईओ काजल जावला ने तत्कालीन जनपद पंचायत पाटी के सीईओ निलेश नाग को तुरंत कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया था। वहीं, उन्होंने स्वयं पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया था। काजल जावला का कहना था कि यह मामला चार माह पुराना है, जिसे अब उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन सरपंचों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की गई, उनके खिलाफ पूर्व में गबन के मामले दर्ज थे और बिना कार्य किए 80 लाख रुपए तक की राशि निकाली गई थी। जांच में दोषी पाए जाने पर ही कार्रवाई की गई और ठेकेदार की फर्म के खाते तक सील किए गए। जावला का कहना था कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और पूरी कार्रवाई निष्पक्ष तरीके से की गई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 05, 2025, 20:15 IST
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