Lucknow News: बिजली वाले ससुर हो गए फेल और चली गई दामाद की कमाई वाली कुर्सी
जानकीपुरम जोन के जूनियर इंजीनियर संजय यादव के हटाए जाने का मामला माई सिटी रिपोर्टर लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सबसे भ्रष्ट साबित हो चुके जूनियर इंजीनियर संजय यादव की आखिर में कमाई वाली कुर्सी चली गई। बिजली महकमें के असरदार उनके ससुर भी उनकी यह कुर्सी नहीं बचा सके। हालांकि, मुख्य अभियंता वीपी सिंह ने जूनियर इंजीनियर को निलंबित करने से बचा लिया। उनका मानना है कि महिला के द्वारा 50000 रुपये की घूस दिए जाने का कोई सबूत नहीं मिल सका। कमेटी की जांच के बाद मुख्य अभियंता वीपी सिंह ने संजय यादव को बक्शी का तालाब सादामऊ उपकेंद्र से हटकर सीतापुर रोड परीक्षण खंड में तैनात किया गया है।अब मीटर जांचने के नाम पर करेगा उत्पीड़न अब संजय यादव वहां पर मीटर जांचने का काम करेंगे यानी पहले से अब ज्यादा कमाई होगी। क्योंकि मीटर जांचने के नाम पर ही संजय यादव ने सबसे पहले हनुमान सेतु उपकेंद्र पर तैनाती के दौरान 200000 रुपये की घूस मांगी थी, जिसका ऑडियो वायरल होने पर अमर उजाला ने खुलासा किया था। जिसके कारण उसको निलंबित किया गया था। मुख्य अभियंता ने संजय यादव की जगह पर परीक्षण खंड में तैनात जूनियर इंजीनियर दीपक पांडेय को तैनाती दी है। सवाल एक : बिना फायदा के क्यों दिया लंबी दूरी पर कनेक्शन जूनियर इंजीनियर ने अपने किसी बिना फायदा के लंबी दूरी पर बिजली कनेक्शन क्यों दिया। बिजली विभाग ने जब तय कर दिया है 40 मीटर से अधिक दूरी पर बिजली कनेक्शन देने के लिए पोल और लाइन का एस्टीमेट वसूलने का प्रावधान किया है, तो फिर संजय यादव ने जानबूझकर लंबी दूरी पर क्यों बिजली कनेक्शन दे दिया, यदि संजय यादव को कोई फायदा नहीं था। संजय ने अपना नुकसान करने के लिए बिजली महिला के घर को क्यों रोशन किया यह सबसे बड़ा सवाल है। सवाल: 2 मध्यांचल निगम के प्रबंध निदेशक ने जब संजय यादव को देवीपाटन जोन से जानकीपुरम जोन ट्रांसफर किया था, तो मुख्य अभियंता वीपी सिंह ने उसको सबसे कमाई वाले उपकेंद्र पर क्यों तैनाती दी। जबकि उनके अधीनस्थ पूर्व सर्किल अफसर एके राय ने उनको संजय यादव की पूरी उनको कर्मकांड की कुंडली बता चुके थे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 27, 2025, 10:40 IST
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