Rajasthan Weather: भारी बारिश से बालोतरा में नदी-नाले उफान पर, प्रशासन सतर्क; मरुगंगा लूणी के आगमन पर महाआरती

पश्चिमी राजस्थान में इस बार मानसून ने जमकर दस्तक दी है। लगातार हो रही बारिश से जैसलमेर के बालोतरा क्षेत्र की नदियां और नाले उफान पर हैं। मरुगंगा के नाम से प्रसिद्ध लूणी नदी इस समय अपने पूरे वेग में बह रही है। मंगलवार सुबह हालात इतने बिगड़ गए कि बालोतरा-जसोल मार्ग पर बने बीओटी पुल की रपट पर पानी बह निकला। कई लोग खतरे के बावजूद पुल पार करते नजर आए, जिसके बाद प्रशासन ने स्थिति को गंभीर मानते हुए सुबह दस बजे पुल पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी। बीओटी पुल बंद, संपर्क टूटा बीओटी पुल बंद होने से बालोतरा और जसोल का सीधा संपर्क टूट गया है। अब ग्रामीण और यात्री वैकल्पिक मार्गों से आ-जा रहे हैं। प्रशासन ने पुल के दोनों ओर बेरिकेड्स लगा दिए हैं और सुरक्षा के लिए पुलिस, सिविल डिफेंस और तैराकों की टीमें तैनात कर दी गई हैं। मेधा हाईवे ब्रिज पर भी अतिरिक्त पुलिस बल मौजूद है ताकि कोई अनहोनी न हो। सुकड़ी नदी के जलस्तर से बढ़ा लूणी का बहाव लूणी की सहायक सुकड़ी नदी भी उफान पर है। रानीदेशीपुरा के पास दोनों नदियों के मिलने से समदड़ी के आगे जल प्रवाह और बढ़ गया है। 15 जुलाई से लगातार पानी की आवक जारी है। लंबे समय से चल रही इस बरसात ने किसानों के चेहरों पर रौनक ला दी है। चूंकि क्षेत्र की अधिकांश कृषि भूमि रबी की फसलों के लिए लूणी नदी पर निर्भर करती है, ऐसे में पानी का भरपूर प्रवाह अच्छी पैदावार की उम्मीद जगाता है। महाआरती से गूंजा लूणी नदी का तट तेज बहाव और खतरों के बीच आस्था भी चरम पर दिखाई दी। सोमवार शाम 6.30 बजे छत्रियों का मोर्चा स्थित लूणी नदी किनारे महंत परशुराम गिरी महाराज के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने नदी की महाआरती उतारी। बीओटी पुल के पास हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत और भक्त पहुंचे। संतों ने कहा कि लगातार मरुगंगा का आगमन क्षेत्र के लिए सौभाग्य का संकेत है। महंत परशुराम गिरी और सनातन महाराज ने विशेष अनुष्ठान कर नदी का स्वागत किया। यह भी पढ़ें-Balotra News:बत्ती गुल! बीते 4 दिन से अंधेरे में रहने को मजबूर ग्रामीण, विभागीय लापरवाही से हो सकता है हादसा मौसम विभाग का अलर्ट और प्रशासन की अपील मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों से अपील की है कि वे बिना कारण बाहर न निकलें और नदी-नालों से दूर रहें। जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने कहा कि पुलियों या बहते पानी को पार करने की कोशिश न करें और खासकर लूणी नदी के किनारे रील्स बनाने या पानी में उतरने से बचें। बारिश के दौरान बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों से दूरी बनाए रखना भी जरूरी है। बच्चों को नालों, तालाबों और गड्ढों के पास न जाने दिया जाए। आपातकालीन व्यवस्था और हेल्पलाइन नंबर संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने जिला और उपखंड स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। किसी भी आपात स्थिति में नागरिक इन नंबरों जिला नियंत्रण कक्ष: 02988-294894, उपखंड स्तर: 02988-220005, 02901-230207, 02984-294007, 02982-299443 और टोल फ्री नंबर: 1077 आदि पर संपर्क कर सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से दूर रहें और केवल आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें। वहीं, एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें जिले में अलर्ट मोड पर रखी गई हैं ताकि किसी भी आपदा से तुरंत निपटा जा सके। यह भी पढ़ें-Rajasthan Unique Temple:जोधपुर में होती है रावण की पूजा, मंडोर को श्रद्धालु मानते हैं मंदोदरी का मायका

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 09, 2025, 14:34 IST
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