Magha Month 2025: माघ महीने में इन आठ परंपराओं को निभाने पर मिलते हैं कई गुना पुण्य लाभ

Magha Month 2025:हिंदू कैलेंडर का माघ का महीना जारी है। 14 जनवरी से माघ का महीना शुरू हो गया है जो 12 फरवरी तक चलेगा। हिंदू धर्म में माघ के महीने का विशेष महत्व होता है। माघ के महीने पवित्र नदियों में स्नान, दान, पूजा-पाठ और भगवान की कथा सुनी जाती है। माघ के महीने में तीर्थराज प्रयागराज के संगम में जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सररस्वती तीनों नदियों का मिलन होता है, वहां एक महीने तक कल्पवास किया जाता है। इस समय प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। जहां करोड़ों की संख्या में लोग पवित्र संगम में डुबकी लगा रहे हैं। माघ माह में हर दिन गंगा स्नान का महत्व होता है लेकिन इस माह के खास मौके पर जैसे मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दान और सूर्यदेव की आराधना का महत्व बढ़ जाता है। आइए जानते हैं माघ में किए जाने वाली दान और स्नान की प्रमुख परंपराओं के बारे में 1-पवित्र नदियों में स्नान का महत्व माघ के महीने पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इस महीने लोग तीर्थराज प्रयागराज के पवित्र संगम समेत गंगा, यमुना, सरस्वती, शिप्रा और नर्मदा जैसी नदियों में स्नान करने कीपरंपरा है। मान्यता है माघ में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य लाभ और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग माघ महीने में गंगा स्नान किसी कारणों से नहीं कर सकते हैं वे अपने घर पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। 2- संगम के तट पर कल्पवास करने की परंपरा प्रयागराज में इस समय 144 वर्ष बाद महाकुंभ का आयोजन चल रहा है। हर वर्ष यहां माघ के महीने में श्रद्धालु संगम की रेती पर कल्पवास करते हैं। कल्पवास में लोग पूरे माघ के महीने में गंगा के तट पर रहते हुए धार्मिक कार्य करते हैं। इस कल्पवास में लोग सात्विक भोजन और प्रभु के नाम का स्मरण करते हैं। Maha Kumbh 2025:कैसे लगाएं पवित्र संगम में आस्था की डुबकी, जानिए शास्त्रों में संगम स्नान का महत्व 3- तिल के दान का महत्व हिंदू धर्म में माघ के महीने में स्नान के साथ-साथ दान करने का भी विशेष महत्व होता है। माह के महीने में तिल और इससे बनी चीजों का दान किया जाता है। इस माह अनाज, कपड़े, घी, तिल, गुड और धन का महत्व होता है। 4- माघ माह में उपवास करने की परंपरा माघ माह में व्रत करने का विशेष महत्व होता है। माघ के महीने में आने वाली प्रमुख तिथियों और पर्व पर व्रत रखा जाता है। इस माह में एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा पर व्रत रखने की परंपरा होती है। माघ महीने में मौनी अमावस्या पर मौन रहते हुए व्रत का संकल्प लिया जाता है। 5- माघ माह में देवी-देवताओं की पूजा माघ में पंचदेवों की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस माह में भगवान विष्णु, शिवजी, गणेश, दुर्गा माता और सूर्यदेव की पूजा हर एक दिन करनी चाहिए। इस माह में स्नान के बाद सूर्यदेव को जल जरूर अर्पित करना चाहिए। Magh Purnima 2025:कब है माघ माह की पूर्णिमा जानें पूजा विधि, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व 6 -तिल का सेवन माघ माह में तिल का काफी महत्व होता है। इस दिन तिल के दान के साथ-साथ सेवन करने की भी परंपरा है। इस माह तिल और गुड़ से बनी मिठाई का जरूर खाना चाहिए। 7- भगवान शिव का अभिषेक माघ में गंगा स्नान के साथ-साथ शिवलिंग पर रोज जल अर्पित करना चाहिए। पूरे माघ के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और आंकड़े का फूल अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा शिवजी के मंत्रों का जाप करना शुभफलदायी होता है। 8- माघ माह में धर्म ग्रंथों का पाठ हिंदू धर्म में माघ के महीने में सभी तरह के धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना शुभ होता है। इस माह में भागवत गीता, शिव पुराण, विष्णु पुराण और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुभ होता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 20, 2025, 12:38 IST
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