Mahakumbh 2025: महाकुंभ में गंगा स्नान से पहले जान लें इसके नियम, नहीं आएगी कोई बाधा
Mahakumbh 2025: महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष के अंतराल पर किया जाता है, जिसे धर्म और आस्था का सबसे बड़ा मेला माना जाता है। इसे 'महाकुंभ' या 'पूर्णकुंभ' भी कहा जाता है। विश्व प्रसिद्ध यह मेला करोड़ों श्रद्धालुओं, साधु-संतों और गृहस्थ लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कुंभ मेले का आयोजन देश में तीन स्थानों- हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है, जबकि महाकुंभ विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। महाकुंभ का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम है, जिसे 'त्रिवेणी संगम' कहा जाता है। मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं। इस पवित्र अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और साधु-संत यहां एकत्रित होते हैं। कुंभ मेले का आयोजन लगभग एक महीने तक चलता है, जिसमें कई महत्वपूर्ण तिथियों पर 'शाही स्नान' आयोजित किए जाते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 27, 2024, 14:45 IST
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