सुरक्षा: भारत के लोकतंत्र की परीक्षा लेने वाला ममता का बयान, आखिर कहना क्या चाहती हैं दीदी
आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत के असली स्वतंत्रता वाले बयान को ममता बनर्जी ने देशद्रोह कहा है, लेकिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर घुसपैठ का आरोप लगाकर क्या वह राष्ट्रविरोधी बयान नहीं दे रही हैं पश्चिम बंगाल जैसे सूबे की मुख्यमंत्री अगर कहें कि बीएसएफ राज्य में घुसपैठ करवा रहा है, तो इसे हल्के में नहीं ले सकते। यह कथन भारत के लोकतंत्र की परीक्षा लेने वाला है। हालांकि बंगाल में चुनावी हिंसा और पक्षपाती शासन की वजह से स्थितियां पहले से ही नाजुक हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हालिया बयान हमारे बहादुर सैनिकों का अपमान है। बंगाल की सीमा भी ऐसे देश से लगी है, जो अब भारत को अपना दुश्मन मानने का दुस्साहस कर रहा है। पहले तो वहां भारतीय सामानों के बहिष्कार की हवा बनाई गई और फिर तख्तापलट हो गया। जेल से हजारों आतंकियों की रिहाई के बाद हिंदुओं पर अत्याचार शुरू हुआ। अब शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए पत्राचार और पाकिस्तान से बढ़ती दोस्ती ने ढाका के इरादे साफ कर दिए हैं। इन हालात में चाहिए था कि मुख्यमंत्री ममता असम और त्रिपुरा सरकारों की तरह सीमा पर बीएसएफ की मदद में स्थानीय पुलिस और प्रशासन को भी झोंकतीं, लेकिन दुर्भाग्य से वह उल्टे बीएसएफ पर आरोप लगा रही हैं। बांग्लादेश से लगी बंगाल की सीमा 2,216 किलोमीटर लंबी है, जिसमें से करीब 20 फीसदी हिस्से में बाड़ नहीं है। कई जगह नदियों को बॉर्डर माना गया है। इस लेखक ने स्वयं उत्तर 24 परगना के हाकिमपुर बॉर्डर का दौरा किया था और देखा था कि गर्मी के दिनों में उस नदी को पैदल ही पार किया जा सकता है। बीएसएफ की चौकसी के बावजूद रात में घुसपैठ के अलावा ड्रग, सोना, चीनी, प्याज जैसे खाद्य पदार्थों और नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी होती है। आरोप लगाने से पहले ममता को यह बताना चाहिए था कि कम से कम 72 स्थानों पर बीएसएफ की चौकियां बनाने के लिए जमीन देने में सरकार क्यों विफल है सीमावर्ती गांवों के लोगों से अदालतों में फर्जी दीवानी मुकदमे क्यों करवा दिए जाते हैं इसके अलावा भी पुलिस की भूमिका संदिग्ध होती है। घुसपैठियों को पकड़कर बीएसएफ स्थानीय पुलिस को सौंप देती है। उन्हें अदालत में पेश किया जाता है और ज्यादातर मामलों में पुलिस जमानत का विरोध नहीं करती है। जमानत पाकर वे स्थानीय नेताओं और दलालों की शरण में जाते हैं, जो उन्हें आधार, वोटर कार्ड आदि बनवाने की व्यवस्था करते हैं। इस तरह हर साल हजारों बांग्लादेशी भारतीय नागरिक बना दिए जाते हैं। सवाल है कि सीमा को असुरक्षित रखने के पीछे के राजनीतिक स्वार्थ और बीएसएफ के खिलाफ जघन्य आरोप लगाकर कोई कानून के दायरे से बाहर कैसे रह सकता है आलो रानी सरकार नामक बांग्लादेशी महिला तृणमूल के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ती है। रशीदाबाद ग्राम पंचायत की मुखिया लवली खातून भी बांग्लादेशी है, जो तृणमूल में शामिल होकर पंचायत चुनाव जीती है। ऐसे सैकड़ों मामले हो सकते हैं। पिछले साल 28 दिसंबर को बांग्लादेशियों के लिए अवैध रूप से पासपोर्ट बनवाने के खेल का खुलासा हुआ, जब उत्तर 24 परगना के गायघाटा में मास्टरमाइंड मनोज गुप्ता की गिरफ्तारी हुई। रैकेट में शामिल एक पूर्व पुलिसकर्मी अब्दुल हई तीन जनवरी को इसी जिले के कमरपुर से गिरफ्तार हुआ। उसके बैंक खाते से अवैध कमाई के 12.5 लाख रुपये बरामद हुए। यह गिरोह आधार कार्ड के लिए 15 हजार, वोटर आईडी कार्ड के लिए 10 हजार, जन्म प्रमाणपत्र के लिए 12 हजार और पैन कार्ड के लिए 3,000 रुपये वसूल रहा था। पूरे घोटाले के संबंध में उत्तर 24 परगना के बारासात कोर्ट के लॉ क्लर्क समीर दास सहित कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने माना है कि ट्रैवल एजेंसी की आड़ में संचालित यह रैकेट घुसपैठियों, खासकर बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से 73 फर्जी भारतीय पासपोर्ट जारी करवा चुका है। सवाल है कि बिना उचित सत्यापन किए ये पासपोर्ट कैसे जारी हो गए बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद जेल से छूटे आतंकी भारत में घुसने की फिराक में हैं। बंगाल के विशेष कार्य बल और असम पुलिस ने 18 और 30 दिसंबर को मुर्शिदाबाद से प्रतिबंधित अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। पहले असम में जेएमबी के तीन आतंकी पकड़े गए थे, जिनसे पूछताछ के बाद मुर्शिदाबाद में स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले आतंकियों के ठिकाने का पता चला। 18 जनवरी को मालदा जिले के वैष्णवनगर सीमा के पास बाड़ लगा रहे बीएसएफ जवानों व स्थानीय लोगों पर दो बम फेंके गए, जिसमें दो जवान घायल हो गए। त्रिपुरा सीमा पर भी बांग्लादेशी उपद्रवियों ने एक बीएसएफ जवान से बंदूक छीनने की कोशिश की। 18 जनवरी को ही बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सेना को जंग के लिए तैयार रहने के लिए कहा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 21, 2025, 07:45 IST
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