मन की बात: ग्वालियर के डॉग ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेंड हो रहे स्वदेशी श्वान,PM बोले- दिखा रहे बहादुरी और साहस

'मन की बात' की 127वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल पहले की गई अपील का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने देशवासियों और सुरक्षा बलों से भारतीय नस्ल के श्वानों को अपनाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि ये श्वान हमारे जलवायु और परिस्थितियों के अनुकूल आसानी से ढल जाते हैं। अब BSF और CRPF ने ट्रेनिंग में इनकी संख्या बढ़ाकर सराहनीय कदम उठाया है। खास तौर पर ग्वालियर के टेकनपुर में स्थित BSF का नेशनल ट्रेनिंग सेंटर इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यहां उत्तर प्रदेश की रामपुर हाउंड और कर्नाटक-महाराष्ट्र की मुधोल हाउंड नस्लों पर विशेष फोकस है। प्रशिक्षक तकनीक और इनोवेशन का इस्तेमाल कर इन श्वानों को बेहतर ट्रेनिंग दे रहे हैं। भारतीय नस्लों की अनोखी ताकतों को उभारने के लिए ट्रेनिंग मैनुअल को पूरी तरह नया रूप दिया गया है। पीएम ने बताया कि अब BSF ने इन श्वानों को विदेशी नामों के बजाय भारतीय नाम देने की परंपरा शुरू की है, जो सांस्कृतिक गौरव को भी बढ़ावा दे रही है। ये भी पढ़ें-MP News:प्रदेश भाजपा में संगठन विस्तार के बाद अब निगम-मंडलों की बारी, राजनीतिक नियुक्तियों पर नजरें टिकीं टेकनपुर सेंटर की सफलता के कई जीवंत उदाहरण हैं। पिछले साल लखनऊ के ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में BSF की मुधोल हाउंड 'रिया' ने कई विदेशी नस्लों को पीछे छोड़कर पहला पुरस्कार जीता। इसी तरह, छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित क्षेत्र में CRPF का एक देसी श्वान गश्त के दौरान 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगा चुका है। ये किस्से भारतीय श्वानों की सतर्कता और साहस को दर्शाते हैं। ये भी पढ़ें-MP News:पूर्व विधायक मुकेश चतुर्वेदी की बिगड़ी तबीयत, सीएम की तत्परता से एयरलिफ्ट कर कराया गया ग्वालियर शिफ्ट बेंगलुरु के CRPF डॉग ब्रीडिंग एंड ट्रेनिंग स्कूल में भी मोंग्रेल, मुधोल हाउंड, कोम्बाई और पांडिकोना जैसी नस्लों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पीएम ने इन प्रयासों की बधाई देते हुए कहा कि यह न केवल सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर गुजरात के एकता नगर में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में पहली बार भारतीय श्वानों की अलग मार्चिंग टुकड़ी हिस्सा लेगी। यहां 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास इनकी ट्रेनिंग डेमो भी दिखाई जाएगी। ये भी पढ़ें-MP News:67वां कालिदास समारोह 1 नवंबर से,नवाचारों से सजेगा सांस्कृतिक महोत्सव,उज्जैन बनेगा कला का वैश्विक केंद्र यह ट्रेनिंग दी जा रही श्वानों को इस केंद्र में श्वानों को विविध कार्यों के लिए तैयार किया जाता है। इनमें विस्फोटकों और नशीले पदार्थों की पहचान, गश्त में सैनिकों का सहयोग, अपराधियों का पीछा और पकड़ना, साथ ही जहरीले पदार्थों का पता लगाना शामिल है। प्रशिक्षण की खासियत यह है कि इन श्वानों को असाधारण कौशल सिखाए जाते हैं, जैसे 20 फीट ऊंची सीढ़ी पर चढ़ना या 18 फीट की दीवार को लांघना। ये कौशल उन्हें सुरक्षा मिशनों में और प्रभावी बनाते हैं। ये भी पढ़े-MP Exellence Awards 2025:हमारी बहनें जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर.,सीएम ने बताई स्टार्टअप में महिलाओं की भूमिका

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 26, 2025, 17:43 IST
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