Meerut: दो दशक बाद भी 136 डेयरियों के लिए ही बन रही कैटल काॅलोनी, 904 डेयरियां स्थानांतरित करना होगा चुनौती
एमडीए कैटल कॉलोनी बनाने के लंबे समय से लंबित शासनादेश पर अब अमल करने जा रहा है। गांव नंगलापातू में 2.28 हेक्टेयर भूमि में कैटल कॉलोनी विकसित होगी। शहर की 1040 में से सिर्फ 136 डेयरी स्थानांतरित हो सकेंगी।शहर में दो दशक से कैटल कॉलोनी बनाने की मांग की जा रही है। सरकारी तंत्र की ढिलाई का खामियाजा डेयरी संचालक जमीन की कई गुना ज्यादा कीमत देकर चुकाएंगे, क्योंकि दो दशक पहले जमीन 545 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय हुई थी, जो अब 13600 रुपये हो गई है। बाकी 904 डेयरी स्थानांतरित करना बड़ी चुनौती होगी। उपाध्यक्ष मंगलवार को डेयरी संचालकों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करेंगे। डेयरियों को शहर के बाहर स्थानांतरण करने का 1998 में शासन ने आदेश दिया था। अमल नहीं हुआ तो कई लोग हाईकोर्ट गए, जिस पर एमडीए ने कहा सभी डेयरियों को स्थानांतरित करने के लिए करीब 30 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। किसी आवासीय योजना में एक जगह 30 हेक्टेयर भूमि नहीं है। कार्य योजना एक नजर में -भूमि का क्षेत्रफल 22770 वर्ग मीटर- केवल 12 मीटर चौड़ा रोड है -भूखंड 72 मी. के 95 व 144 वर्ग मी. के 41 -136 भूखंड का क्षेत्रफल 13305 वर्ग मीटर -इसमें 885 पशुओं का प्रबंध हो सकता है यह भी पढ़ें: Baghpat:कोहरे में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर भिड़े छह वाहन, दस घायल, मची चीख-पुकार
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 22, 2023, 12:49 IST
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