महत्वपूर्ण कामयाबी: बेल्जियम में चोकसी की गिरफ्तारी अहम पल, आर्थिक अपराधियों के खिलाफ लड़ाई में देश की जीत...
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में तेरह हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार किया जाना, आर्थिक अपराधियों के खिलाफ देश की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। जांच एजेंसियों की सतर्कता को तो इसका श्रेय जाता ही है, इससे यह भी साबित होता है कि अपराधी दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न छिपे हों, वे कानून से नहीं बच सकते। मेहुल चोकसी और उसके रिश्तेदार नीरव मोदी, जो पहले ही लंदन की जेल में कैद है, पर आरोप है कि इन्होंने भारतीय बैंकिंग व्यवस्था की कमजोरियों का फायदा उठाकर देश को हजारों-करोड़ रुपये का चूना लगाया। उल्लेखनीय है कि 2018 में घोटाले के सामने आते ही चोकसी भारत से फरार होकर एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता लेकर वहीं बस गया था। 2021 में डोमिनिका में उसकी संक्षिप्त गिरफ्तारी और बाद में रिहाई ने उस वक्त सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन इंटरपोल द्वारा 2022 में रेड कॉर्नर नोटिस हटाए जाने से भारतीय प्रयासों को झटका लगा था। पिछले वर्ष जब बेल्जियम के एंटवर्प में चोकसी को देखा गया, तो भारत ने 125 साल पुरानी भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि का उपयोग कर उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की। भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध की पुष्टि एक कूटनीतिक जीत तो है ही, यह उन भगोड़ों के लिए भी संदेश है, जो विदेश में छिपकर देश की न्याय प्रणाली से आंख मिचौली खेलते हैं। हालांकि, यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, क्योंकि बेल्जियम की अदालतें अब भारत द्वारा पेश किए गए सुबूतों की गहन जांच करेंगी, और इस प्रक्रिया में मेहुल के स्वास्थ्य और भारतीय जेलों की स्थिति जैसे मुद्दे तो उठेंगे ही। इसके अतिरिक्त, जैसा विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे अन्य मामलों में देखा गया है, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है। बहरहाल, चौकसी की गिरफ्तारी देश के आम लोगों के लिए भी एक उम्मीद की किरण है, जिनके विश्वास को पीएनबी घोटाले ने गहरा आघात पहुंचाया था। ऐसे में जरूरी है कि भारत इस मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाए। साथ ही, यह मामला हमारी बैंकिंग प्रणाली में सुधार की जरूरत की भी याद दिलाता है। भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए सख्त नियम, पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है। चोकसी की गिरफ्तारी देशवासियों के लिए यह आश्वासन भी है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो। लेकिन असल जीत तब होगी, जब उसे भारत में न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 16, 2025, 05:43 IST
महत्वपूर्ण कामयाबी: बेल्जियम में चोकसी की गिरफ्तारी अहम पल, आर्थिक अपराधियों के खिलाफ लड़ाई में देश की जीत... #Opinion #National #SubahSamachar