Mir Yar Baloch: पाकिस्तान को मानते हैं वैश्विक खतरा, भारत-बलूचिस्तान मैत्री के समर्थक; भगत सिंह हैं आदर्श

पाकिस्तान की नाकाम और दमनकारी नीतियों तथा फौज की ज्यादतियों की वजह से 54 साल पहले जिस तरह बांग्लादेश उससे कटकर अलग हुआ था, वैसे अब अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर एक और देश किसी भी वक्त सामने आ जाए, तो कोई बड़ी बात नहीं। प्रचुर प्राकृतिक संपदा से संपन्न, करीब छह करोड़ की आबादी और 3,47,190 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले पाकिस्तान के कब्जे वाले इस हिस्से को नए राष्ट्र के रूप में नाम दिया गया है रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान। नए राष्ट्र की घोषणा की है बलूचिस्तान मुक्ति संग्राम से जुड़े युवा लेखक, पत्रकार और एक्टिविस्ट मीर यार बलूच ने। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय मिसाइलें जब पाकिस्तान में स्थित आंतकी अड्डों पर काल बनकर टूट रही थीं और उसके दुस्साहस के जवाब में भारतीय सेना की कार्रवाइयों के बीच नौ मई को जब इस युवा ने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान की आजादी का शंखनाद किया, तो पाकिस्तानी हुकूमत और उसकी तानाशाह फौज की चूलें बुरी तरह हिल गईं। बलूचों के हितों की बात करने भर से ही, जो पाकिस्तानी फौज उनका अपहरण कराकर हत्या तक कर देती हो, उसके सामने सीना तानकर उसके कब्जे वाले क्षेत्र को नए राष्ट्र का नाम देने का साहस रखने वाले इस युवा की शख्सियत को समझा जा सकता है। पाकिस्तान को मानते हैं वैश्विक खतरा आतंकवाद के पोषक और अपने ही लोगों का शोषण करने वाले पाकिस्तान को इस्लाम के नाम पर धब्बा बताने वाले मीर यार बलूच पेशे से लेखक, स्वतंत्र पत्रकार और एक्टिविस्ट हैं। वह बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रमुख युवा आंदोलनकारियों में शुमार हैं। वह कहते हैं कि 1947 में जब ब्रिटिश उपनिवेश से भारत और पाकिस्तान अलग हुए थे, तब उससे पहले बलूच राष्ट्र ने भी 11 अगस्त, 1947 को अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन पाकिस्तान ने हमारे ऊपर अवैध रूप से कब्जा कर लिया। वह बलूचों को पाकिस्तान के खिलाफ जागृत करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए राष्ट्र के लिए समर्थन जुटाने की मुहिम में लगे हुए हैं, जिससे यह युवा एक्टिविस्ट अब पाकिस्तानी फौज के लिए नासूर बन चुका है। वह पाकिस्तान को न केवल बलूचिस्तान और भारत, बल्कि अफगानिस्तान समेत पूरी दुनिया के खतरा मानते हैं। ये भी पढ़ें:पाकिस्तान से 'आजाद' बलूचिस्तान:क्या सिर्फ एलान करने से मिल सकती है स्वतंत्रता, अलग देश बनने का क्या है तरीका भारत-बलूचिस्तान मैत्री के समर्थक हाल ही में सोशल मीडिया पर रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान की घोषणा करने के साथ ही भारत से समर्थन मांगते हुए मीर यार ने कहा कि हम भारत और बलूचिस्तान की मैत्री के समर्थक हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की, जिस तरह भारत ने 1971 में बांग्लादेश अलग करवाकर पाकिस्तान से बंगालियों को मुक्ति दिलवाई थी, उसी तरह हमें भी मुक्त करवाओ। मीर यार प्रधानमंत्री मोदी के कट्टर प्रशंसक हैं, तो पाकिस्तान के धुर विरोधी, जिसे वह आतंकवादियों का संरक्षक कहते हैं। बलूचिस्तान क्षेत्र में स्थित हिंगलाज माता मंदिर की रक्षा की दुहाई देते हुए वह भारत-बलूच मैत्री का सबसे अच्छा उदाहरण बताते हैं। एक हिंदू की कहानी मीर यार ने एक बेहद भावुक किस्सा साझा कर बताया कि साल 1947 में एक हिंदू बलूचिस्तान छोड़कर भारत चला गया था, लेकिन अपनी दुकान की चाबियां एक बलूच को सौंप गया था। वह बलूच आज भी उस दुकान की रक्षा कर रहा है और अपने हिंदू दोस्त के लौटने का इंतजार कर रहा है। मीर यार कहते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की आजादी के लिए भी हम भारत की लड़ाई में शामिल हैं। एक्स पर 98 हजार फॉलोअर्स मीर यार न केवल बलूचिस्तान मुक्ति आंदोलन में अहम भूमिका निभाते हैं, बल्कि वह सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रिय रहते हैं। एक्स (पहले ट्विटर) पर उनके 98 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जबकि आठ हजार से ज्यादा लोगों को वह खुद फॉलो करते हैं। उनके फॉलोअर्स में ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त भी शामिल हैं। योगेश्वर दत्त तो बलूच आंदोलन से जुड़े मीर यार के साथ ही अन्य पोस्ट को रीपोस्ट भी करते हैं। मीर यार सोशल मीडिया के जरिये अंतरराष्ट्ररीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करते रहते हैं। एक्स के अलावा वह फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, यूट्यूब आदि पर सक्रिय रहते हैं। भगत सिंह, सुभाष और बटुकेश्वर हैं आदर्श मीर यार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा नेताजी सुभाष चंद्र बोस और शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। वह बलूचों में जोश भरते हुए कहते हैं कि जिस तरह से ब्रिटिश हुकूमत के सामने ये स्वतंत्रता सेनानी नहीं झुके थे, उसी तरह से हम भी पाकिस्तान की हुकूमत और उसकी तानाशाह फौज से लड़कर नया राष्ट्र लेकर रहेंगे। उनका विश्वास है कि जिस तरह क्रांतिकारी भगत सिंह ने बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर किसी को नुकसान पहुंचाए बगैर असेंबली में बम फोड़ा था, उसी तरह हम भी सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से पाकिस्तान की गूंगी-बहरी, तानाशाह और शोषणकारी हुकूमत के खिलाफ अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए आजादी हासिल करके रहेंगे। ये भी पढ़ें:बलूचिस्तान आर्मी की बगावत:'हम पाकिस्तान को बर्बाद कर देंगे; ऐसा इतिहास रचने जा रहे जिसे पूरी दुनिया देखेगी' कई भाषाओं के जानकार बलूच आंदोलन के अगुआ बने मीर यार अपनी स्थानीय भाषा बलूच के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू व पंजाबी के भी जानकार हैं। वह सोशल मीडिया पर अंग्रेजी में इसलिए लिखते हैं, ताकि पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनके आंदोलन का सारथी बन सके, जबकि हिंदी के जरिये वह भारत और भारतीयों का समर्थन हासिल करने में जुटे हुए हैं। हिर्बेयर मारी के समर्थक मीर यार बूलचिस्तान आंदोलन के बड़े नेताओं में शुमार हिर्बेयर मारी के समर्थक हैं। वह अन्य सभी बड़े और प्रमुख नेताओं को इकट्ठा कर हिर्बेयर मारी के नेतृत्व में नए राष्ट्र की नई सरकार के गठन के लिए भी प्रयासरत हैं। उन्होंने बकायदा नए राष्ट्र रिपब्लिकन ऑफ बलूचिस्तान को मान्यता देने के लिए नई दिल्ली समेत दूसरे देशों से बलूचिस्तान का दूतावास खोलने और उसे मान्यता देने का प्रयास करना शुरू कर दिया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 17, 2025, 07:43 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Mir Yar Baloch: पाकिस्तान को मानते हैं वैश्विक खतरा, भारत-बलूचिस्तान मैत्री के समर्थक; भगत सिंह हैं आदर्श #World #National #MirYarBaloch #Pakistan #Balochistan #India #SubahSamachar