UP News: पीलीभीत में 41 साल बाद सजा से मुक्त हुए शिवनगर के मूलचंद, हाईकोर्ट ने किया बरी

पीलीभीत में अवैध शस्त्र बरामद होने और डकैती की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने की धारा के दर्ज मामले से बरी होने में जहानाबाद थाने के गांव शिवनगर निवासी मूलचंद को 45 साल लग गए। वह इस मामले में करीब 18 दिन जेल में भी रहे। हाईकोर्ट में अपील के बाद सजा से दोषमुक्त होने में 41 साल लगे। करीब 70 साल की उम्र में बरी होने की खबर सुनी तो खिले चेहरे के साथ न्यायालय के प्रति आभार जताया। थाना जहानाबाद पुलिस ने वर्ष 1981 में डकैती की योजना बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें शिवनगर निवासी मूलचंद, भोलू, जागन लाल को मौके से पकड़ा जाना बताया गया। साथ ही दर्शाया था कि रामदास, बाबूराम, बोधराम और नवेले मौके से भाग गए। पकड़े गए तीनों आरोपियों के पास से तमंचा, चाकू आदि बरामद होने की बात कही गई। पुलिस ने सभी छह आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया। जनवरी 1984 में अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे) ने मूलचंद सहित तीन आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। तीन आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिए गए। सजा के बाद हाईकोर्ट में अपील की गई। अपील पर सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मौत हो गई। न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई की। जीवित बचे गांव मूलचंद की सजा के आदेश को करीब 41 साल चली सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया है। आरोप : घर से ले गई थी पुलिस, जेल में बिताए 17 दिन फोन पर मूलचंद ने बताया कि वह गांव की गुटबाजी का शिकार हुए। साथ ही एक पुलिसकर्मी की नाराजगी भी उन पर भारी पड़ी। आरोप है कि पुलिस उन्हें घर से ले गई थी। फिर थाने से कोर्ट और वहां से जेल भेज दिया गया। वह 14 दिन बाद जमानत पर जेल से रिहा हो सके। बाद में सजा होने पर चार दिन और जेल में बिताने पड़े। बाद में हाईकोर्ट में अपील करने के साथ ही वहां से जमानत मिल गई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 22, 2025, 13:59 IST
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