एक दशक में ईडी के 4,500 से अधिक छापे: 9,500 करोड़ की नकदी बरामद, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में कार्रवाई
बीते एक दशक में भ्रष्टाचार, हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में कार्रवाई में तेजी आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में छापों की संख्या और नकदी की बरामदगी में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। सरकार की ओर से संसद में दी गई जानकारी और ईडी के आंकड़ों के अनुसार, मई 2014 से अगस्त 2025 तक जांच एजेंसी ने देशभर में 4,500 से छापे की कार्रवाई की। इन छापों में 9,500 करोड़ रुपये से अधिक की रिकार्ड नकदी बरामद की गई। हालांकि तथ्य यह भी है कि ईडी अपनी कार्रवाई को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहा है। विपक्ष का दावा है कि ज्यादातर कार्रवाई सियासी उद्देश्यों से विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ होती है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट भी तौर-तरीकों पर फटकार लगाते हुए यहां तक कह चुका है कि ईडी अपनी सीमाएं लांघ रहा है। यूपीए शासनकाल में सीमित थी ईडी की कार्रवाई यूपीए शासनकाल (2004 से 2014) के दौरान ईडी की कार्रवाई सीमित थी। इस दौरान 200 से 250 छापे पड़े थे और कुल नकदी बरामदगी 800 से 900 करोड़ के आसपास रही। तब ईडी की प्राथमिकता हवाला नेटवर्क और विदेशी मुद्रा उल्लंघनों पर थी। बड़े पैमाने पर नकद जब्ती के मामले बहुत कम सामने आए। 2014 के बादखासकर 2019 के बाद से राजनीतिक व कारोबारी ठिकानों पर की गई कार्रवाई में हजारों करोड़ नकद बरामद किए गए। 2023 में छत्तीसगढ़ और झारखंड में पड़े छापों में रिकॉर्ड 300 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश मिला, जिसने ईडी की कार्रवाई के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा। सिर्फ 2023-24 के दौरान ही प. बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बड़े पैमाने पर नकदी जब्त की गई। ज्यादातर कार्रवाइयों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी से जुड़े नेताओं के नाम सुर्खियों में आए। ये भी पढ़ें:-शेयर बाजार: ठगों की चाल, मुनाफे का जाल; झांसे से बचें, सिर्फ सेबी रजिस्टर्ड सलाहकार पर भरोसा करें
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 25, 2025, 05:25 IST
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