Report: भारत की आर्थिक बुनियाद पिछले वैश्विक संकटों की तुलना में मजबूत, टैरिफ जैसी चुनौतियों का सीमित होगा असर

कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट और अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी बाजारों में दबाव के बीच भारत के वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे पिछले वैश्विक संकटों के मुकाबले काफी मजबूत दिखाई दे रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल ने एक रिपोर्ट में कहा, टैरिफ जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद घरेलू लचीलेपन और बेहतर राजकोषीय सेहत की बदौलत भारत की आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव काफी सीमित रहेगा। हालांकि, आईटी क्षेत्र में सुस्ती और करेंसी वार के बीच चीन से उत्पादों की डंपिंग का मामूली असर देखने को मिल सकता है। सलाहबड़ी गिरावट में करें खरीदारी रिपोर्ट में हाइब्रिड फंडों में एकमुश्त निवेश और अगले दो-तीन महीनों के लिए लार्जकैप, फ्लेक्सी कैप, मिड और स्मॉलकैप फंडों को लेकर चरणबद्ध दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया गया है। मोतीलाल ओसवाल ने शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आने पर निवेश की सलाह दी है। ये भी पढ़ें:Tariffs:भारत ने स्टील के आयात पर लगाया 12 फीसदी अस्थायी टैरिफ, 200 दिनों तक रहेगा लागू अर्थव्यवस्था के सभी संकेतक पक्ष में रिपोर्ट के मुताबिक, मंदी के दौर के बावजूद समग्र आर्थिक संकेतक भारतीय अर्थव्यवस्था के पक्ष में हैं। 2013 के टेपर टैंट्रम जैसे पिछले वैश्विक संकटों से तुलना करें, तो भुगतान संतुलन, राजकोषीय और चालू खाता घाटे जैसे संकेतक मजबूत हैं। मिड और स्मॉलकैप शेयर अब भी महंगे वैश्विक वित्तीय संकट वाले दौर के विपरीत भारतीय कॉरपोरेट और बैंक इस चरण में स्वस्थ बैलेंस शीट, काफी कम कर्ज और पर्याप्त पूंजी बफर के साथ प्रवेश कर रहे हैं। ये भी पढ़ें:Sitharaman:'भारत अमेरिका से सक्रिय बातचीत कर रहा', वित्त मंत्री बोलीं- समझौते पर अक्तूबर तक हस्ताक्षर संभव मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर अब भी महंगे भारतीय शेयर बाजारों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में हुए सुधारों ने निफ्टी-50 में शामिल लार्जकैप शेयरों को मूल्य के लिहाज से अधिक आकर्षक बना दिया है। इनकी कीमतें उनके 10 वर्षीय अग्रिम औसत से नीचे आ गई हैं। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर अब भी महंगे बने हुए हैं। संबंधित वीडियो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 22, 2025, 05:45 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Report: भारत की आर्थिक बुनियाद पिछले वैश्विक संकटों की तुलना में मजबूत, टैरिफ जैसी चुनौतियों का सीमित होगा असर #BusinessDiary #National #India #EconomicInfrastructure #GlobalCrisis #Tariffs #MotilalOswalReport #SubahSamachar