MP News: सोना उगलने को तैयार इमलिया की भूमि, मुंबई की मैसर्स प्रॉस्पेक्ट रिसॉर्स और प्रशासन के बीच हुआ MOU

मध्यप्रदेश सरकार और मैसर्स प्रॉस्पेक्ट रिसॉर्स लिमिटेड कंपनी के बीच साइन हुए MOU के बाद बाद कटनी जिले के गर्भ में दबा सोना अब जल्द बाहर निकाला जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक 6.51 हैक्टेयर में सोना की खान से गोल्ड समेत अन्य कीमती खनिज निकाले जाएंगे जो आने वाले वक्त में कटनी की छाप पूरे देश में छोड़ेगी। दरअसल स्लीमनाबाद तहसील के ग्राम इमलिया में दबा स्वर्ण भंडार जमीन से निकलकर प्रदेश और देश की आर्थिक ताकत बढ़ाने वाला है। नवरात्र के पहले दिन हुए अनुबंध के बाद कटनी का नाम आधिकारिक रूप से भारत के स्वर्ण मानचित्र पर दर्ज हो चुका है। जल्द ही मशीनें इंस्टॉल होने के साथ गोल्ड माइनिंग शुरू होगी। एमओयू पर साइन और खनन अधिकार स्लीमनाबाद तहसील के इमलिया गांव में खनन कार्य मुंबई की प्रॉस्पेक्ट रिसोर्स मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया। नवरात्र के पहले दिन सोमवार को कलेक्टर आशीष तिवारी और कंपनी के डायरेक्टर अविनाश लांडगे के बीच गोल्ड ब्लॉक की 50 वर्षीय माइनिंग लीज का एग्रीमेंट हुआ। कलेक्टर आशीष तिवारी ने बताया कि ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी ने करीब 121 करोड़ रुपये की बोली पर खनिज पट्टा हासिल किया। इसके तहत 6.51 हेक्टेयर जमीन पर खनन का अधिकार दिया गया है। यह प्रदेश की पहली सक्रिय स्वर्ण खदान होगी। उत्पादन क्षमता और खनिज भंडार खनन विभाग के अनुसार, इमलिया गोल्ड ब्लॉक से प्रतिवर्ष 33,214 टन उत्पादन का अनुमान है। इसमें सोने के साथ ही कापर, लेड-जिंक और सिल्वर शामिल होंगे। सर्वे रिपोर्ट में कुल भंडार इस प्रकार हैं गोल्ड: 3,57,789 टन (खनन योग्य 3,35,059 टन) कापर: 2,71,632 टन (खनन योग्य 2,54,439 टन) लेड-जिंक: 3,88,726 टन (खनन योग्य 3,64,031 टन) सिल्वर: 3,86,468 टन समेत अन्य खनिज पदार्थ मौजूद हैं। भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण 1974 से 2025 तक चला। इस दौरान ड्रिलिंग और बोरिंग मशीनों से अनेक नमूने जुटाए गए। जांच में पुष्टि हुई कि जमीन के गर्भ में सोना और अन्य बहुमूल्य खनिज बड़ी मात्रा में मौजूद हैं। लीज को 2020 में सैद्धांतिक मंजूरी और अक्टूबर 2023 में खनन योजना को अंतिम स्वीकृति मिली। यह भी पढ़ें-गाली-गलौज करने पर मऊगंज तहसीलदार बी.के. पटेल निलंबित, वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई गोल्ड माइंस बनेगा कटनी की नई पहचान बढ़ेंगे रोजगार खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित ने बताया कि विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार इमलिया खदान में प्रति टन अयस्क से औसतन 1.13 ग्राम सोना निकलने की संभावना है। इसके साथ ही कापर, लेड-जिंक और सिल्वर भी बड़े पैमाने पर मिलेंगे। खदान क्षेत्र महाकौशल समूह की चट्टानों में आता है। कंपनी जल्द ही आधुनिक मशीनरी लगाकर खनन कार्य शुरू करेगी। शासन की ओर से खनिज, राजस्व और वन विभाग की टीमों ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। भू-हर्जन की प्रक्रिया भी शुरू होगी, ताकि प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा देकर भूमि हस्तांतरण कराया जा सके। खदान संचालन के दौरान स्थानीय युवाओं को रोजगार और ठेकेदारी के अवसर दिए जाएंगे। सीएम मोहन यादव ने कटनी को बताया था कनकपुरी अब तक देश में बड़े पैमाने पर स्वर्ण खनन केवल कर्नाटक के कोलार और हत्ती क्षेत्रों में ही हो रहा था। इमलिया खदान के शुरू होने से मध्यप्रदेश भी इस सूची में शामिल होगा। कटनी जिला, जो अभी तक चूना पत्थर, मार्बल, बाक्साइट, डोलोमाइट और आयरन ओर जैसे खनिजों के लिए जाना जाता था, अब स्वर्ण खनन से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाएगा। बता दें हाल ही में कटनी पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस खदान से जिले की पहचान कनकपुरी के रूप में स्थापित होगी। नवरात्र के पहले दिन हुई लीज एग्रीमेंट प्रक्रिया को लोग शुभ संकेत मान रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि खदान से जिले का औद्योगिक और आर्थिक विकास नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 28, 2025, 15:35 IST
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