MP News: बप्पा ने 2011 में बदला रूप! तब से कहलाने लगे पोटली वाले गणेश , क्या है चिंतामण गणेश मंदिर का रहस्य?
उज्जैन की तरह इंदौर को भी मंदिरों का शहर कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। पूरी तरह धर्म और संस्कृति में रंगा यह शहर कई मायनों में अनूठा है। परंपरा और आधुनिकता का संगम यहां बखूबी दिखाई देता है। 10 दिनी गणेशोत्सव में अमर उजाला रोज शहर के प्राचीन गणेश मंदिरों की ऐतिहासिक जानकारियां और उनकी खूबियां पाठकों तक पहुंचा रहा है। इसी कड़ी में हम आज जूनी इंदौर के एक और गणेश मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहै हैं दरअसल, सरस्वती नदी के किनारे जूनी इंदौर में चिंतामण गणेश मंदिर (पोटलीवाले गणेश) है। यह शहर के प्राचीन गणेश मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है। यहां गणेशजी की प्रतिमा दाहिनी सूंड़ वाली है, जिसे सिद्ध माना जाता है। इसके दर्शन को यहां भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। गडरियों ने गढ़ी प्रतिमा काम की तलाश में इंदौर आए कुछ गडरियों ने पत्थर को तराश कर यहां स्थित गणपति की प्रतिमा का आकार दिया था। वे उसकी पूजा अर्चना करने लगे और फिर धीरे-धीरे यह मंदिर श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र बन गया। कुछ श्रद्धालु इस मंदिर को परमार कालीन और 1200 वर्ष पुराना मानते हैं। ये भी पढ़ें: 'शंकराचार्य मुझे गाली देते हैं', बाबा बागेश्वर के बयान से गरमाया माहौल, मिली संवाद की चुनौती
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 31, 2025, 11:08 IST
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