भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है एमएसएमई : मांझी

- यूपीआईटीएस पहुंचे केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी बोले कृषि के बाद एमएसएमई में मिलता है सबसे ज्यादा रोजगारमाई सिटी रिपोर्टरग्रेटर नोएडा। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कृषि के बाद एमएसएमई रोजगार का सबसे बड़ा सेक्टर हैं। यह सेक्टर जीडीपी से लेकर निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग में सबसे ज्यादा योगदान दे रहा है। निर्यात में 46 प्रतिशत हिस्सा एमएसएमई का है। एमएसएमई सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। शुक्रवार को केंद्रीय एमएसएमई मंत्री एक्सपो सेंटर में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 के दूसरे दिन एमएसएमई@2047 विषय में कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जब मंत्रालय मिला था तो लगा कि यहां कुछ करने को नहीं है। प्रधानमंत्री ने मंत्रालय देते समय कहा था कि अपने विजन का विभाग दे रहा हूं। अब समझ आ रहा है कि प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों कहा था। देश की जीडीपी में 31 प्रतिशत योगदान एमएसएमई सेक्टर का है। वहीं यूपी की जीडीपी में 47 प्रतिशत हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की बैंकों से जुड़ी काफी समस्याएं हैं। उनके संबंध में वित्त मंत्री से बात की जाएगी। तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में एमएसएमई विभाग को अलग करने को कहा गया है। इसका प्रस्ताव लाया जाएगा। वहीं उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि कृषि में तीन करोड़ तो एमएसएमई सेक्टर में दो करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। 70 के दशक से लैंडबैंक नहीं था। केवल नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की जमीन दे रही थी। अब लैंडबैंक बनाया जा रहा है। बुंलेदखंड में 50 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन का लैंडबैंक तैयार किया जा रहा है। जो नोएडा, ग्रेनो व यमुना से भी अधिक है। 31 अक्तूबर तक 12 से अधिक जिलों में 100 एकड़ क्षेत्रफल में औद्योगिक पार्क का काम शुरू हो जाएगा। जल्द ही 1000 एकड़ में पीएम मित्रा पार्क बनाने का काम भी शुरू होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 के बाद से एमएसएमई की कोई नीति नहीं थी। केवल सरकार के आदेश पर ही काम होते थे। उन्होंने बताया कि उद्यमी संगठनों ने कई अच्छे सुझाव दिए हैं। इनको कैबिनेट के समक्ष रखकर लागू कराने का काम किया जाएगा। हरियाणा सरकार की तरह उद्यमिता आयोग भी बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। एक प्रतिशत ट्रांसफर चार्ज की जगह पांच हजार होगी फीसअभी नगर निगम में औद्योगिक या आवासीय प्लॉटों के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत ट्रांसफर चार्ज लिया जाता है। इसकी शिकायत आने के बाद मुख्यमंत्री के समक्ष यह समस्या रखी। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि सीएम ने समस्या का समाधान कर एक प्रतिशत ट्रांसफर चार्ज को खत्म कर दिया है। अब केवल 5000 रुपये फीस ली जाएगी। इसका आदेश भी जारी कर दिया गयाउद्यमियों ने रखी अपनी समस्या व प्रस्तावकार्यशाला में उद्यमी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि निर्यात और बढ़ सकता है। इसके लिए सरकार को अलग-अलग देशों में वेयरहाउस बनाने चाहिए। अभी चीन ऐसा कर रहा है। उनका माल दो से तीन दिन में पहुंच जाता है, लेकिन भारत के उद्यमियों का माल पहुंचने में 60 से 90 दिन का समय लग रहा है। उद्यमियों ने कहा कि यूपी के विकास में यूपीसीडा बाधा है। 35 से 40 हजार उपभोक्ता परेशान हैं। मंच से ही उनकी समस्याओं को अनदेखा कर दिया जाता है। सरकार को कमेटी बनाकर समस्याओं को सुनना चाहिए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 26, 2025, 19:12 IST
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