Crime: होली पर सुरक्षा बंदोबस्त करने गए ASI का शव गांव लौटने पर मातम, ग्रामीण बोले- जब पुलिस ही असुरक्षित...

मुंगेर जिले में ड्यूटी के दौरान एक दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। एएसआई संतोष कुमार सिंह की निर्मम हत्या के बाद उनके पैतृक गांव कैमूर जिले के मोहनिया थाना क्षेत्र स्थित पिपरा गांव में मातम पसरा हुआ है। होली से ठीक पहले गांव में अपने परिवार से मिलने आए संतोष सिंह कुछ ही दिन पहले ड्यूटी पर लौटे थे, लेकिन अब उनका शव घर लौट आया है। इस घटना से पूरे गांव और इलाके में शोक और आक्रोश की लहर है। ड्यूटी के दौरान रॉड से पीट-पीट कर हत्या जानकारी के अनुसार, सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह 2007 बैच के थे और मुंगेर में 112 पुलिस सेवा की टीम में तैनात थे। 15 मार्च को उन्हें सूचना मिली कि एक इलाके में कुछ लोग शराब पीकर आपस में मारपीट कर रहे हैं। सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और वहां समझाने का प्रयास किया, लेकिन अचानक ही आरोपियों ने उन पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह भी पढ़ें-Bihar:अररिया के बाद मुंगेर में Asi की हत्या, विवाद सुलझाने पहुंचे पुलिसकर्मी पर धारदार हथियार से किया था हमला कुछ दिन पहले ही गए थे गांव, लौटे थे ड्यूटी पर आठ मार्च को संतोष सिंह अपने गांव पिपरा आए थे, जहां उन्होंने अपने बाबा के श्राद्ध कर्म में भाग लिया। इसके बाद 11 मार्च को वापस ड्यूटी ज्वाइन करने मुंगेर लौटे। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह मुलाकात उनके परिवार और गांववालों के लिए अंतिम होगी। जैसे ही उनकी हत्या की खबर गांव में पहुंची, पूरा परिवार मुंगेर रवाना हो गया और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार बिखरने से ग्रामीणों में आक्रोश जानकारी के मुताबिक, संतोष सिंह अपने परिवार में सबसे बड़े थे। उनके माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका है। परिवार में उनके दो छोटे भाई और तीन बहनें हैं। गांव के लोगों ने उन्हें मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठ बताया। ग्रामीण राजेश कुमार सिंह ने कहा कि वो मेरा भतीजा था। होली पर्व में ड्यूटी करने गया था, लेकिन लौटकर शव आया। हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और सरकार परिवार को मुआवजा व नौकरी दे। वहीं, अरविंद सिंह और गुप्तेश्वर सिंह ने घटना पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस पर अब अपराधियों का कोई डर नहीं रहा। जब कानून के रखवाले ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम लोगों की सुरक्षा कौन करेगा यह भी पढ़ें-Bihar:मुंगेर में Asi की हत्या के आरोपी की पुलिस से मुठभेड़, फायरिंग में पैर में लगी गोली; चार पुलिसकर्मी घायल शासन-प्रशासन से न्याय की मांग ग्रामीणों और परिजनों की मांग है कि सरकार इस हत्या को गंभीरता से ले और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए। साथ ही शहीद पुलिसकर्मी के परिजनों को आर्थिक सहायता और उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाए। यह मामला न केवल एक पुलिसकर्मी की हत्या का है, बल्कि कानून-व्यवस्था पर उठते गंभीर सवालों का भी प्रतीक बन गया है। इधर, घटना की जांच जारी है और पुलिस अपराधियों की पहचान व गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है। लेकिन इस दिल दहला देने वाली घटना ने पुलिस महकमे और समाज दोनों को गहरे सदमे में डाल दिया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 15, 2025, 13:33 IST
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