Barabanki News: संस्कृत में करिए अभिवादन...पुलकित हो जाएगा मन
बाराबंकी। आपके द्वार कोई अतिथि आकर खड़ा होता है और घर के अंदर से निकला बच्चा अगर उससे इतना बोल देगा कि नमस्ते, आगच्छतु स्वागतम्, तो अतिथि का मन पुलकित हो जाएगा। जी हां भले ही अंग्रेजी शब्दों का प्रचलन बढ़ गया है लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली समेत कई भाषाएं संस्कृत से ही जन्मी हैं।इस समय शहर के आवास विकास कालोनी में सात दिवसीय प्रदर्शनी चल रही है। यहां संस्कृत विद्वानों ने कुछ ऐसी ही राय अभिभावकों व बच्चों को दी है। विद्वानों की मानें तो यहां केवल संस्कृत बोलने की बात नहीं हो रही बल्कि आम बोलचाल में प्रयोग किए जाने वाले करीब संस्कृत के करीब 60 से 70 शब्द तो ऐसे हैं जो तीन चार बार के अभ्यास से ही कंठस्थ किए जा सकते हैं। संस्कृत के जानकार अखिलेेश चंद्र पांडेय बताते हैं कि हिंदी में एक वाक्य है आप कहां जा रहे हैं मगर यही संस्कृत में कहना हो तो केवल दो शब्द कुत्र गच्छति कहने भर से काम चल जाएगा। बहुत अच्छा को महान् आनंद: कहकर देखें। वहीं ठीक है की जगह केवल अस्तु कहने से काम चल जाएगा। नमस्ते एक ऐसा संस्कृत शब्द है जो आप अभिवादन के रूप में बोलते ही हैं। संस्कृत के इन शब्दों को भी जानिए क्षमा कीजिए- क्षम्यताम् कोई बात नहीं- चिन्ता मास्तु मैं नहीं जानता- अहं न जानामि आइये- आगच्छतु ऐसा मत कहिए- तथा न वदतु आप कैसे हैं- भवान् कथम् अस्तिफिर कब मिलेंगे- पुन: कदा मेलिष्याम जिले में संचालित हैं चार संस्कृत विद्यालयजिले में चार संस्कृत विद्यालय संचालित हैं। इनमें रामनगर के लोधेश्वर महादेवा मंदिर प्रांगण में श्री विद्वतपरिषल्लोधेश्वर संस्कृत पाठशाला, हैदरगढ़ कस्बा के कोठी वार्ड में स्थित श्रीगुरुकुल संस्कृत माध्यमिक विद्यालय व शहर के सनातन धर्म संस्कृत विद्यालय नागेश्वर नाथ और मुंडा गोपाल फतेहपुर में दूर-दूर से लोग पढ़ने आते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 12, 2023, 21:41 IST
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