Hindi Kavita: नरेश सक्सेना की प्रसिद्ध कविता 'सुनो चारुशीला'
तुम अपनी दो आँखों से देखती हो एक दृश्य दो हाथों से करती हो एक काम दो पाँवों से दो रास्तों पर नहीं एक ही पर चलती हो सुनो चारुशीला! एक रंग और एक रंग मिलकर एक ही रंग होता है एक बादल और एक बादल मिलकर एक ही बादल होता है एक नदी और एक नदी मिलकर एक ही नदी होती है नदी नहीं होंगे हम बादल नहीं होंगे हम रंग नहीं होंगे तो फिर क्या होंगे अच्छा ज़रा सोचकर बताओ कि एक मैं और तुम मिलकर कितने हुए क्या कोई बता सकता है कि तुम्हारे बिन मेरी एक वसंत ऋतु कितने फूलों से बन सकती है और अगर तुम हो तो क्या मैं बना नहीं सकता एक तारे से अपना आकाश। हमारे यूट्यूब चैनल कोSubscribeकरें।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 27, 2025, 12:17 IST
Hindi Kavita: नरेश सक्सेना की प्रसिद्ध कविता 'सुनो चारुशीला' #Kavya #Kavita #NareshSaxena #नरेशसक्सेना #SubahSamachar