दयानंद सरस्वती के सिद्धांतों पर चलकर ही राष्ट्र की उन्नति संभव : कर्ण सिंह
- ग्वालीखेड़ा में दो दिवसीय चतुर्वेद शतकम महायज्ञ कराया, आहुति देकर सुख-शांति की कामना की फोटो-तीन संवाद न्यूज एजेंसी बिनौली। ग्वालीखेड़ा गांव में शनिवार को दो दिवसीय चतुर्वेद शतकम महायज्ञ का शुभारंभ किया गया। पहले दिन श्रद्धालुओं ने आहुति देकर सुख-शांति की कामना की। यज्ञ का शुभारंभ अखिल भारतीय राज आर्यसभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य कर्ण सिंह आर्य व प्रबंधक महंत डॉ. साधुराम स्वामी ने ओम पताका का ध्वजारोहण कर किया। ब्रह्मा आचार्य विनोद कुमार शास्त्री ने विधि-विधान से यज्ञ कराया। यजमान सुनील कुमार मोघा रहे। आचार्य कर्ण सिंह ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती के सिद्धांतों पर चलकर ही राष्ट्र उन्नति संभव है, क्योंकि उनके विचार, सामाजिक सुधार, स्वदेश शिक्षा, राष्ट्रवाद पर केंद्रित थे। उनके सिद्धांतों को अपनाकर ही देश से सामाजिक कुरीतियों का खात्मा किया जा सकता है। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य विनोद कुमार शास्त्री ने कहा कि यज्ञ मानव जीवन में सर्वोपरि है। यज्ञ अहंकार को कम करता है और दूसरों के लिए काम करने की भावना को बढ़ाता है। यज्ञ में आचार्य धनकुमार शास्त्री, प्रधानाचार्य अरविंद कुमार शास्त्री, आचार्य विजयपाल शास्त्री, ललित कुमार, विश्वाश चौधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर, ब्रजमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 11, 2025, 16:50 IST
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