एनसीडी रजिस्ट्री की रिपोर्ट: चंडीगढ़ के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा स्ट्रोक, महिलाओं में मौत का खतरा ज्यादा
स्ट्रोक अब केवल बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही। चंडीगढ़ में 19–44 वर्ष के युवाओं में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जबकि महिलाओं में स्ट्रोक से मौत की दर पुरुषों से कहीं अधिक पाई गई है। चंडीगढ़ एनसीडी रजिस्ट्री (जुलाई 2018–दिसंबर 2021) ने शहर में स्ट्रोक की भयावह तस्वीर सामने रखी है। पीजीआई के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के सहयोग से तैयार रिपोर्ट के अनुसार स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में कमजोरी, चेहरे का टेढ़ा पड़ना और बोली का लड़खड़ाना सबसे आम संकेत रहे। कुल 554 मरीजों में से 41.5% को अचानक कमजोरी, 35.4% का चेहरा टेढ़ा हुआ जबकि हर तीसरा मरीज (33–35%) डिसआर्थ्रिया यानी लड़खड़ाती बोली के साथ अस्पताल पहुंचा। 19.9% मरीज बेहोशी की हालत में लाए गए। वहीं क्लीनिकल जांच में 8% से अधिक में हेमिआनोपिया (आधी दृष्टि खो जाना) पाया गया और 23% पुरुष व 18% महिलाएं मोटर इम्पेयरमेंट (शरीर के एक या एक से अधिक अंगों की मांसपेशियों में कमज़ोरी, नियंत्रण की कमी या पूर्ण पक्षाघात) से प्रभावित रहीं। 74.9% इस्केमिक स्ट्रोक, महिलाओं में मौत की दर ज्यादा विभाग के प्रो. जेएस ठाकुर ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, 74.9% केस इस्केमिक स्ट्रोक जबकि 25.1% केस हेमरेजिक स्ट्रोक के थे। उम्र की बात करें तो पुरुषों में 45–69 वर्ष और महिलाओं में 70 वर्ष से अधिक उम्र का वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। एज-अडजस्टेड रेट के अनुसार महिलाओं में मृत्यु दर 16.43 प्रति लाख, जबकि पुरुषों में 10.09 प्रति लाख रही। यानी महिलाओं के लिए स्ट्रोक कहीं अधिक घातक साबित हुआ।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 24, 2025, 05:27 IST
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