कोई ठोस सबूत नहीं, सिर्फ देर से दर्ज गवाहों के बयान : उमर खालिद
-दिल्ली दंगा मामला: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा मामलाअमर उजाला ब्यूरोनई दिल्ली। जेएनयू के पूर्व छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता उमर खालिद ने कड़कड़डूमा कोर्ट में कहा है कि 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े यूएपीए मामले में उनके खिलाफ कोई ठोस या भौतिक सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि मामला केवल पुलिस द्वारा दंगे के महीनों बाद दर्ज किए गए गवाहों के बयानों पर आधारित है। सुनवाई के दौरान खालिद की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष खालिद के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सिर्फ बयानों पर निर्भर है, न कि किसी भौतिक प्रमाण पर। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सिर्फ भाषण और कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने से किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। वकील ने कहा कि अगर मामला सिर्फ गवाहों के बयानों पर ही चलेगा, तो यह कभी आगे नहीं बढ़ेगा। इस मामले में कोई बरामदगी नहीं हुई है, कोई धन जुटाने का आरोप भी नहीं है और खालिद के खिलाफ न ही कोई ठोस दस्तावेजी सबूत है। उन्होंने बताया कि उमर खालिद को चार व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था, लेकिन उसने केवल एक ग्रुप (डीपीएसजी) में तीन संदेश भेजे थे। बाकी ग्रुप में उसने कोई मैसेज नहीं किया और न ही उसे कोई सीधा संदेश भेजा गया। यह मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें खालिद सहित कई लोगों पर दंगों की साजिश रचने का आरोप है। हालांकि, खालिद की ओर से कहा गया कि यह केस आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि इसमें कोई ठोस सबूत नहीं है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 19, 2025, 19:02 IST
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