Omkareshwar: नर्मदा नदी में संचालित नौकाओं का सर्वे शुरू, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ा कदम

खंडवा कलेक्टर ऋषभ गुप्ता के निर्देश पर मंगलवार से नर्मदा नदी में संचालित सभी नौकाओं का सर्वे अभियान शुरू हुआ। प्रशासन, नगर परिषद और नाविक संघ के संयुक्त सहयोग से यह कार्रवाई नवीन घाट पर की गई, जहाँ नदी में चल रही सभी नावों को जांच के लिए रोका गया। अभियान की निगरानी कर रहे पुनासा पंकज वर्मा ने बताया कि यह सर्वे इसलिए शुरू किया गया है ताकि नर्मदा नदी में चलने वाली हर नाव पूरी तरह वैधानिक हो, उसका लाइसेंस अद्यतन हो और सुरक्षा साधन मानक अनुसार उपलब्ध हों। ओंकारेश्वर नगर परिषद के सीएमओ डॉ. श्रीकृष्ण सुशीर नेकहा कि वर्तमान में 187 नावें विधिवत पंजीकृत हैं, जबकि करीब 96 नावों के लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। श्रीकृष्ण ने साफ कहा कि तीन चरणों में होने वाले इस सर्वे के अंतिम चरण में यदि किसी नाव में सुरक्षा या दस्तावेजों की कमी पाई जाती है, तो उसे राजसात कर संचालन से बाहर कर दिया जाएगा। हमारा उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। ओंकारेश्वर नगर परिषद के सीएमओ डॉ. श्रीकृष्ण सुशीर ने बताया कि सर्वे में सबसे पहले लाइसेंस, इंजन की स्थिति और क्षमता का परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद सुरक्षा उपकरण लाइफ जैकेट, नाव की भार क्षमता, फिटनेस और आपातकालीन साधनों की जांच होगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण पूरी तरह पारदर्शी और सख्त मानकों के अनुसार किया जा रहा है ताकि नर्मदा नदी में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना न रहे। इधर नाविक संघ के अध्यक्ष कैलाश भंवरिया ने बताया कि नाविकों ने प्रशासन की इस कार्रवाई में पूरा सहयोग दिया है और आज सभी नावों का संचालन रोककर सर्वे में भाग लिया। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में प्रतिदिन आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नाविक संघ स्वयं भी उतना ही गंभीर है। “नावों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में हर नाव का लाइसेंस, फिटनेस और सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रहना बेहद जरूरी है, भंवरिया ने कहा। पढे़ं:छिंदवाड़ा में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल, चंदे से बन रहे मंदिर को सामुदायिक भवन बताकर निकाले 16 लाख उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कुछ महीनों में प्रशासन के निर्देश पर कई नावों के पुराने डीज़ल इंजन बंद कर नए पेट्रोल इंजन लगाए गए हैं, जिससे नदी में प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ है। डीजल इंजनों की तुलना में पेट्रोल इंजन कम धुआँ और शोर पैदा करते हैं, जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण में लगभग 90% कमी देखी गई है। यह बदलाव नर्मदा के स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ओंकारेश्वर में इस समय 300 से अधिक नावें छोटी-बड़ी दूरी के लिए संचालित होती हैं। बढ़ती तीर्थयात्री संख्या और परिवारों के साथ नौकाविहार की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रशासन सुरक्षा मानकों को लेकर पहले से अधिक सतर्क हो गया है। सर्वे का पहला चरण पूरा होने के बाद अगले तीन दिनों में दूसरा चरण शुरू होगा, और अंत में तीसरा तथा अंतिम जांच चरण पूरा होने पर निष्कर्ष के आधार पर नियम लागू किए जाएंगे। नर्मदा नदी की सुरक्षा, स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए यह संयुक्त प्रयास प्रशासन और नाविक संघ दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 27, 2025, 20:16 IST
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