Noida News: नवरात्र के पहले दिन निर्दयी हुई ममता कूड़े के ढेर में फेंक दी नवजात बच्ची

मेरठ। नवरात्र के पहले ममता का निर्दयी रूप सामने आया। किसी ने नवजात बच्ची को कूड़े के ढेर में फेंक दिया। सोमवार सुबह सिविल लाइन थाना क्षेत्र में मेघदूत पुलिया के पास कूड़े में नवजात का शव पड़ा मिला। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से नवजात को फेंकने वाले की तलाश में जुट गई।सुबह करीब सात बजे मेघदूत पुलिया के पास से गुजर रहे राहगीरों की नजर कूड़े के ढेर में पड़े बच्ची के शव पर पड़ी। कुछ ही देर में मौके पर लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने सूचना सिविल लाइन थाना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आसपास के लोगों से पूछताछ की। कोई ठोस जानकारी न मिलने पर पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवा दिया। लोगों का कहना है कि नवरात्र में कन्या पूजन होता है। नवरात्र के पहले दिन शव कूड़े में फेंकने वाले का दिल नहीं पसीजा। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अवलोकन किया जाएगा। आसपास के अस्पतालों में भी जानकारी की जा रही है। शव फेंकने वाले को जल्द ही तलाश कर कार्रवाई की जाएगी। ----पास में है हॉस्पिटल और गर्ल्स हॉस्टल मौके पर एकत्रित हुए आसपास के लोगों ने बताया कि लोकलाज के कारण नवजात बच्ची का शव कूड़े के ढेर में फेंका गया है। उन्होंने आशंका जताई कि गैरकानूनी तरीके से लिंग परीक्षण कराने के बाद गर्भपात कराकर यह कृत्य किया गया हो। पास में ही एक हॉस्पिटल और एक गर्ल्स हॉस्टल है। पुलिस यहां भी जांच कर रही है। ---पूर्व में मिले है भ्रूण और नवजात छह मई 2025 : ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के भगवतपुरा में गली नंबर छह में पांच महीने की बच्ची का भ्रूण मिला। 28 अप्रैल 2025 : जिला अस्पताल के महिला वार्ड के शौचालय में कमोड़ में सात माह का भ्रूण फंसा हुआ मिला। 15 फरवरी 2025 : कंकरखेड़ा के अशोकपुरी में नाले में करीब तीन माह का मानव भ्रूण पड़ा मिला।----बेटियां देशभर में कर रही जिले का नाम रोशनमेरठ। बेटियां किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं। बेटियां दुनियाभर में नाम रोशन कर रही हैं। इसके बावजूद नवजात बच्चियों का तिरस्कार किया जा रहा है। खेल में मेरठ के बहादुरपुर निवासी अन्नू रानी ने एक छोटे से गांव से निकलकर ओलंपिक तक का सफर तय किया। उन्होंने वर्ष 2023 के एशियन खेलो में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता। दो बार ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया। मेरठ के दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव निवासी पारुल चौधरी ने भी गांव की पगडंडियों पर दौड़कर सफर शुरू किया। वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दौड़ रही हैं। उन्होंने एशियन गेम्स में दौड़ में स्वर्ण पदक जीता और देश का नाम रोशन किया। वह भी ओलंपिक में देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।मेरठ के माधवपुरम निवासी प्रियंका गोस्वामी ने पैदल चाल में अंतर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर नाम रोशन किया। वह भी ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इनके अलावा रूपल चौधरी, विधि चौधरी, अलका तोमर, प्रीति पाल, ख्याति माथुर, रीत राठौर, मानसी तोमर ने भी जिले का देश-विदेश में नाम रोशन किया है। मेरठ में बढ़ा लिंगानुपातमेरठ में बढ़ा लिंगानुपात मेरठ में लिंगानुपात बढ़ा है। जिले में साल 2014-15 में जन्म के समय लिंगानुपात 866 था। यह बढ़कर साल 2018-19 में 922 दर्ज किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार फिलहाल लिंगानुपात एक हजार बेटों पर करीब 943 बेटियां हैं।यह घटना दर्शाती है कि आज भी सामािजक मान्यताएं और रुढ़ीवादी सोच लोगों पर हावी हैं। इसे रोकने के लिए जागरूकता और शिक्षा की जरूरत है।- संजीव महाजन, समाजशास्त्री

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 23, 2025, 02:54 IST
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