Kangra News: अस्पतालों में छोटे बच्चों को नहीं दी जा रही पीने वाली खांसी की दवाई

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद एहतियात बरत रहे चिकित्सकटांडा मेडिकल कॉलेज समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में खांसी की सिरप देने पर अस्थायी ताैर पर राेक मरीज की पर्ची पर सिरप के बदले लिख रहे दवाई से मिलती-जुलती अन्य टेबलेट तिलक राजकांगड़ा। टांडा मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ उपमंडल के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी बच्चाें काे खांसी की पीने वाली दवाई देने पर अस्थायी ताैर पर राेक लगा दी है। कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में हुई घटना के बाद डॉक्टराें ने एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। इसके चलते शून्य से 4 वर्ष आयु वर्ग के बच्चाें काे खांसी की सिरप देना बिलकुल ही बंद कर दिया है। साथ ही डॉक्टर पर्ची पर सिरप के बदले अन्य मिलती-जुलती टेबलेट लिख रहे हैं। वहीं, टांडा में मेडिकल स्टाेराें के मालिकाें काे भी प्रशासन ने हिदायत दी है कि जब तक डॉक्टर पर्ची पर लिखकर न दे, तक तब किसी भी छाेटे बच्चे काे खांसी की सिरप न दी जाए।उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में खांंसी की दवाई पीने से कई छाेटे बच्चाें की तबीयत बिगड़ गई थी और इसमें से लगभग 19 के करीब बच्चाें की माैत भी हाे गई थी। इसी घटना से सबक लेते हुए टांडा मेडिकल कॉलेज और उपमंडल के अन्य सरकारी अस्पताल कांगड़ा, तियारा और नगराेटा सहित अन्य संस्थानाें में छाेटे बच्चाें काे खांसी की सिरप देना बंद कर दिया है, ताकि ऐसी घटना न हाे। हालांकि छाेटे बच्चाें का उपचार करने वाले चिकित्सक अपनी ओर से पूरी एहतियात बरत रहे हैं और जब तक विभाग से दवाई शुरू करने के निर्देश नहीं मिल जाते, तब तक बच्चाें काे दवाई नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही जिन बच्चाें काे थाेड़ी-बहुत खांसी इत्यादि की दिक्कत है, ताे चिकित्सक उनकी जांच कर उन्हें से मिलती-जुलती टेबलेट दे रहे हैं, ताकि बच्चाें का स्वास्थ्य ठीक हाे सके।काेट्सः मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जाे घटना हुई है, उसके बाद टांडा मेडिकल कॉलेज में अस्थायी ताैर पर बच्चाें काे खांसी की पीने वाली दवाई देने पर राेक लगा दी है। शून्य से दाे वर्ष तक के बच्चाें काे सिरप देना बिलकुल बंद कर दिया है । 2 से 4 वर्ष के बच्चाें काे साेच-समझकर ही सिरप लिखी जा रही है। इसके साथ ही टांडा संस्थान के अंदर और बाहर सभी दवाई विक्रेताओं काे हिदायत दी है कि जब तक डॉक्टर पर्ची पर लिखकर न दें, तब तक खांसी की दवाई न दी जाए। - विवेक बनियाल, चिकित्सा अधीक्षक टांडाप्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिले के सभी छाेटे-बड़े चिकित्सा संस्थानाें में जीराे से दाे वर्ष के बच्चाें काे कफ सिरप देना बिलकुल ही बंद कर दिया है। अगर छाेटे बच्चाें काे खांसी इत्यादि हाे ताे उन्हें घऱ पर ही देसी उपचार दें, न कि कहीं से खरीदकर लाई गई कफ सिरप दें और डॉक्टर की सलाह पर ही छाेटे बच्चाें काे पीने वाली दवाई दें। - डॉ. विवेक कराेल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला कांगड़ा

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 12, 2025, 17:35 IST
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