COAS: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी बोले- 100% भारत में हो हथियारों का उत्पादन, भले कुछ साल लगें
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को कहा कि देश की स्वदेशी उत्पादन क्षमताएं बढ़ रही हैं। इसमें ड्रोन के क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उपकरणों का सौ फीसदी उत्पादन आखिरकार भारत में हो, भले ही इसमें कुछ साल और लग जाएं। भारत में हो उपकरणों का सौ फीसदी उत्पादन एक इंटरव्यू में जनरल द्विवेदी ने कहा, भारत 'वसुधैव कुटुंबकम'(यानी पूरी दुनिया एक परिवार है) का पालन करता है..इसे और आत्मनिर्भरता दोनों को जोड़ना है। आखिरकार हमारा लक्ष्य है कि उपकरणों का सौ फीसदी उत्पादन भारत में हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह आज ही होगा। यह तीन साल, पांच साल या दस साल बाद हो सकता है। विदेश से खरीदे जाने वाले उपकरणों के विकल्प हो रहे तैयार उन्होंने कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी प्रणाली का उत्पादन किया जा रहा है। सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि कुछ उपकरण विदेशी बाजार से खरीदे जा रहे हैं, लेकिन भारत में इसके विकल्प बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा, आज के समय में भारत में चालीस ऐसी कंपनियां हैं जो यह (लोइटरिंग म्यूनिशन) बना रही हैं और करीब 900 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे गए हैं। जब आप अनुसंधान और विकास करते हैं, तो आप उस लागत को भी बिक्री मूल्य के हिस्से के रूप में रखना चाहते हैं। 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री से विकसित लोइटरिंग म्यनिशन जनरल द्विवेदी ने बताया कि जरूरी महत्वपूर्ण घटक विदेश से घरीदे जाते हैं, लेकिन समय के साथ भारत में उन घटकों का विकल्प बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। पिछले साल दिसंबर में भारतीय सेना को नागपुर स्थित रक्षा निर्माण कंपनी ने 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री से निर्मित 480 लोइटरिंग म्यूनिशनकी आपूर्ति की, जो स्वदेशी हथियार प्रणालियों की एक बड़ी कामयाबी मानी जाती है।इस स्वदेश लोइटरिंग म्यूनिशन को नागअस्त्र-1 नाम दिया गया है, जिसे नागपुर की सोल इंडस्ट्रीज ने विकसित किया है। लोइटरिंग म्यूनिशन क्या हैं लोइटरिंग म्यूनिशनल एक प्रकार के मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) हैं, जिन्हें युद्ध में टैंकों, अन्य सैन्य उपकरणों और दुश्मन सैनिकों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। ये उपकरण दुश्मन के ठिकानों का पता लगाने में भी मदद करते हैं। जनरल द्विवेदी ने कहा, मान लीजिए एक पहाड़ी है, तो आप यहां से फायर करते हैं, तो वह पहाड़ी के पार जाता है, टैंक को देखता है और उसके बाद कह सकते हैं, ठीक है, यह टैंक है जिसे आपको नष्ट करना है। अग्निपथ योजना पर क्या बोले सेना प्रमुख अग्निवीर योजना को लेकर जनरल द्विवेदी ने कहा, सरकार ने 15 जून 2022 को अग्निपथ योजना शुरू की थी, जिसमें पुरुष और महिला उम्मीदवारों को तीनों सेवाओं के अधिकारी पद से नीचे के कैडर में भर्ती किया जाता है। इस योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष आयु वर्ग के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। इन अग्निवीरों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण और विशेष व्यापार प्रशिक्षण दिया जाता है, उसके बाद जरूरत के मुताबिक उनके कौशल को बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम होते हैं। उन्होंने आगे बताया, भर्ती किए गए कर्मियों में से 25 फीसदी को सेना में अगले 15 वर्षों तक सेवा में बनाए रखा जाता है। सेना प्रमुख ने कहा, जब अग्निवीर चार वर्षों के बाद सेना छोड़कर अन्य अवसरों के लिए जाते हैं, तो वे जिम्मेदार नागरिक बन जाते हैं, जो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में भी काम कर सकते हैं। संबंधित वीडियो-
- Source: www.amarujala.com
- Published: Feb 19, 2025, 19:42 IST
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