Padma Award: आंदोलन से जुड़ीं साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण; चंद्रकांत सोमपुरा, गणेश्वर शास्त्री को पद्मश्री
गणतंत्र दिवस के मौके पर राम मंदिर से जुड़ीं नामचीन हस्तियों को भी पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। इनमें साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण, चंद्रकांत सोमपुरा और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, जनसंघ के नेता नारायण उर्फ भुलई भाई (मरणोपरांत) और पूर्व नौकरशाह किशोर कुणाल (मरणोपरांत) को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। साध्वी ऋतंभरा विहिप की साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन के दौरान बेहद सक्रिय थीं। उनकी वजह से हजारों महिलाएं भी इस आंदोलन से जुड़ीं। वह अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के मामले में आरोपी भी रह चुकी हैं। आंदोलन के समय उनके जोशीले भाषण की चर्चा आज भी होती है। मंदिर आंदोलन के दौरान उनके भाषण के कैसेट गांव-गांव और गली मोहल्ले में सुने जाते थे। चंद्रकांत सोमपुरा अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा को विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल ने मंदिर का नक्शा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनके बनाए गए राम मंदिर के मॉडल को अयोध्या में कार्यसेवकपुरम में रखा गया था। राम मंदिर का निर्माण उन्हीं के मॉडल के अनुरूप हुआ है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को उन्होंने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा पल करार दिया था। पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और प्राण प्रतिष्ठा व काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शुभ मुहुर्त निकाला था। द्रविड ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन का भी शुभ मुहूर्त निकाला था। लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री के प्रस्तावकों में भी शामिल रहे थे। नारायण (भुलई भाई) भुलई भाई भाजपा के वरिष्ठतम कार्यकर्ता थे। जनसंघ से विधायक रहे थे। केसरिया गमछा उनकी पहचान रही। पंडित दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित भुलई उनके सिद्धांतों पर चलते थे। उन्हीं के कहने पर शिक्षा अधिकारी की नौकरी छोड़कर 1967 में राजनीति में आ गए थे। 1974 में भारतीय जनसंघ ने उनको अपना उम्मीदवार बनाया और वह विधायक बन गए। किशोर कुणाल पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल बिहार के रहने वाले थे। 2001 में नौकरी से इस्तीफा देने के बाद अध्यात्म की दुनिया में रम गए। उसके बाद उन्हें आचार्य किशोर कुणाल कहा जाने लगा। वह अयोध्या राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य थे। उन्होंने दलित समाज के साधुओं को मंदिरों का पुजारी बनाने और पटना रेलवे स्टेशन के पास महावीर मंदिर में अहम भूमिका निभाई थी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 26, 2025, 09:23 IST
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