Noida News: अभिनेताओं के अभिनय को निखारने वाले नाटककार, पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा नहीं रहे

सेक्टर-26 निवासी साहित्यकार ने 94 वर्ष की उम्र में ली आखिरी सांस, आज होगा अंतिम संस्कारमाई सिटी रिपोर्टरनोएडा। जिनके लिखे नाटक से शुरुआती दिनों में नवाजुद्दीन सिद्धिकी प्रसिद्ध हुए। हरिवंश राय बच्चन ने जिनके लिखे नाटक में अमिताभ बच्चन को अभिनय करवाने के लिए पत्र लिखा, नोएडा सेक्टर-26 निवासी वह साहित्यकार 94 वर्ष की उम्र में हमेशा के लिए ईश्वर की गोद में चले गए हैं। यहां पर छोड़ गए हैं तो साहित्य में दिया हुआ अपना अमूल्य योगदान। प्रसिद्ध नाटककार, साहित्यकार, पूर्व आईएएस, पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके लिखे नाटक हमेशा जीवंत रहेंगे। दया प्रकाश के निजी सहायक व उनके लिखे नाटकों में अभिनय करने वाले प्रवीन कुमार भारती ने बताया कि शुक्रवार सुबह 9:30 बजे उन्होंने नाश्ता किया, तबीयत ठीक थी लेकिन कुछ समय बाद ही ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा। इसके बाद घर पर मौजूद अटेंडेंट ने स्थिति संभालने की कोशिश की लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ और 15 मिनट के अंदर ही उनकी मौत हो गई। भारती ने बताया कि कई साल पहले उनकी पत्नी प्रतिभा का निधन हो गया था और बेटी यूएसए में रहती हैं। बेटी के आने के बाद आज सेक्टर-94 स्थित अंतिम निवास में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।-------प्रशासनिक सेवा के साथ 15 प्रसिद्ध नाटकों की रचना कीप्रवीन कुमार ने दया सिन्हा के साहित्यिक सफर के बारे में बताया कि उन्होंने अबतक करीब 15 नाटक लिखे हैं। उनके लिखे नाटक कथा एक कंस की नाटक से शुरुआती दिनों में नवाजुद्दीन सिद्धिकी प्रसिद्ध हुए थे। वहीं, हरिवंशराय बच्चन उनके नाटक के लेखन से बहुत प्रभावित हुए थे और उन्होंने यह पत्र लिखकर कहा था कि अपने नाटक में मेरे बेटे अमिताभ को भी अभिनय का मौका दिया जाए। उनकी लिखी रचनाओं मेरे भाई मेरे दोस्त, अपने अपने गांव, इतिहास चक्र, रक्त अभिषेक, सीढ़ियां, मन के भंवर, ओह अमेरिका, हास्य एकांकी, सांझ सवेरा, सादर आपका, दुश्मन और इतिहास (1857 से 1947 का इतिहास) को बहुत प्रसिद्धि मिली है। उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रशासनिक सेवाओं के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में पूरा योगदान दिया। उन्हें संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी में सर्वश्रेष्ठ अवार्ड मिला है। इसके अलावा 8 नवंबर 2021 को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। -------------महादेवी वर्मा ने रखा था बेटी का नाम निजी सहायक प्रवीन ने बताया कि उनकी बेटी प्रतिथि माथुर हैं जो यूएसए में रहती हैं। जब बेटी हुई थी तो महादेवी वर्मा ने इन्हें बधाई दी थी और बेटी का नाम प्रतिथि रखा था।----------1982 में एशियन गेम के प्रमुख समेत कई अन्य पदों पर दी सेवाप्रवीन ने बताया कि दया प्रकाश अंतरराष्ट्रीय रामायण फेस्टिवल भी करवाते थे। 1982 में वह एशियन गेम के प्रमुख थे। इसके अलावा वह अपने कार्यकाल में हिंदी संस्थान लखनऊ के डायरेक्टर, साहित्यकला परिषद दिल्ली के सचिव, भारत भवन भोपाल के डायरेक्टर और बाद में अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद विदेश मंत्रालय के उपाध्यक्ष के पद पर भी रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद भारतीय जनता पार्टी में प्रशासक के पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक भी रहे हैं। -----------

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 07, 2025, 21:49 IST
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