Train Hijack: बलोच लड़ाकों के कब्जे से 190 यात्री मुक्त कराए गए, 24 अब भी बंधक, 200 ताबूत क्वेटा लाए गए

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों ने अगवा ट्रेन से 190 यात्रियों को बचा लिया है। अभी 24 यात्री बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के कब्जे में हैं, जिन्हें मुक्त कराने के लिए बुधवार को दूसरे दिन अभियान जारी रहा। सुरक्षा बलों ने 30 बलोच लड़ाकों को मार गिराने का दावा किया है। इस घटना में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने 200 से अधिक ताबूत क्वेटा भेजे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने घटना की निंदा की है और सभी यात्रियों को जल्द से जल्द रिहा करने का आग्रह किया है। अधिकारियो ने बताया कि क्वेटा से 160 किमी दूर सुरंग में बंधक बनाई गई ट्रेन को मुक्त कराने के लिए बीएलए लड़ाकों और पाकिस्तानी सेना व सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई जारी है। बीएलए ने बंधकों के बीच अपने आत्मघाती दस्ते के सदस्यों को बिठा दिया है, जिन्होंने सुसाइड जैकेट पहन रखी है। इन्होंने महिलाओं और बच्चों को अपने पास बैठने के लिए मजबूर कर दिया है। इससे सुरक्षा बलों के लिए बंधकों को मुक्त कराना मुश्किल हो गया है। बीएलए ने पहले ही सैन्य कार्रवाई पर सभी बंधकों को मार देने की धमकी दी है। मुक्त कराए गए एक यात्री ने कहा कि हमले में कई यात्री घायल हुए हैं और कुछ की मौत भी हो गई है। सरकार की तरफ से अभी यह नहीं कहा गया है कि बीएलए लड़ाकों के कब्जे में अभी कितने यात्री हैं। बीएलए ने मंगलवार को कुल 214 यात्रियों को बंधक बनाने का दावा किया था, जिनमें से 190 यात्रियों को मुक्त करा लिया गया है। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि आखिरी यात्री को मुक्त कराने तक अभियान जारी रहेगा। बंधकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बल अत्यधिक सतर्कता बरत रहे हैं। सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे लड़ाके सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रेन को अगवा करने में कितने लड़ाके शामिल हैं। लेकिन उनमें से कुछ के पास सैटेलाइट फोन हैं जिसके जरिये वे अपने हैंडलरों से संपर्क में हैं। ट्रेन में सवार यात्रियों के परिजनों और रिश्तेदारों को ताजा सूचना मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान रेलवे ने पेशावर और क्वेटा में आपातकालीन डेस्क बनाए हैं। पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने के बाद क्वेटा से पेशावर के बीच दोबारा ट्रेन सेवा शुरू की थी। 48 घंटे का अल्टीमेटम बीएलए ने मंगलवार को धमकी दी थी कि यदि अधिकारी बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता व्यक्तियों को 48 घंटे की भीतर रिहा नहीं करती है तो वे बंधकों को मारना शुरू कर देंगे। उनका कहना है कि इन लोगों को सेना ने अगवा कर लिया है। ट्रेन में सवार इसके एक लड़ाके ने एक टेलीग्राम संदेश में कहा, "कामरेड आपके लिए, इस मातृभूमि के लिए अपना खून बहा रहे हैं।" इस संदेश में खनिज समृद्ध बलूचिस्तान के लोगों से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ समूह की लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया गया। मंगलवार को ट्रेन पर किया हमला मंगलवार सुबह 9 बजे क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई जफर एक्सप्रेस को बीएलए के लड़कों ने दोपहर 1:30 बजे सिब्बी रेलवे स्टेशन से पहले अपने कब्जे में ले लिया था। लड़कों ने बोलान में माशफाक टनल के पास रेल पटरी उड़ा दी थी और ट्रेन के रुकते ही उस पर कब्जा कर लिया था। ट्रेन के नौ कोच में 500 यात्री सवार थे। हालांकि, सुरक्षा बलों ने कहा था कि ट्रेन के रवाना होते समय उसमें 425 यात्री सवार थे। बीएलए लड़कों ने कुछ यात्रियों को छोड़ दिया था और 30 पाकिस्तान सैनिकों को मार गिराने का दावा किया था। हालांकि, पाकिस्तान सरकार की तरफ से हताहतों की संख्या के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 12, 2025, 19:18 IST
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