Prayagraj Flood : यमुना का जलस्तर हुआ स्थिर, फिर सताने लगी बाढ़ की चिंता, पीछे से पानी छोड़े जाने की चर्चा
यमुना का जलस्तर बुधवार को फिर स्थिर हो गया। इसी के साथ गंगा के जलस्तर में गिरावट की रफ्तार भी कुछ कम हुई हैं। पीछे से पानी छोड़े जाने की बात कही जा रही है़ ऐसे में नदियों के इस रुख के बाद कछारी इलाके के लोगों को एक बार फिर बाढ़ की चिंता सताने लगी है। दोनों नदियों के जलस्तर में चार दिसंबर से लगातार गिरावट दर्ज की गई और बस्तियों से बाढ़ का पानी पूरी तरह से निकल चुका है। बाढ़ राहत शिविर भी खाली हो गए हैं। हालांकि इसके बाद भी लगातार बाढ़ की आशंका जताई जा रही है। यमुना नदी में पीछे काफी अधिक पानी छोड़ा गया है। पहाड़ों पर भी बादल फटने तथा तेज बारिश का सिलसिला जारी है। अफसरों का कहना है कि प्रयागराज में आमतौर पर अगस्त के आखिरी दिनों में बाढ़ आती रही है। ऐसे में प्रशासन की ओर से एक बार फिर दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के आसार जताए जा रहे हैं। इसे देखते हुए सभी विभागों और अफसरों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार को प्रशासन की इस आशंका को लेकर आहट भी सुनाई देने लगी। सिंंचाई विभाग की रात आठ बजे की रिपोर्ट के अनुसार नैनी में यमुना का जलस्तर स्थिर हो गया। यानि, जलस्तर में गिरावट का सिलसिला थम गया है। इस समय जलस्तर 79.48 मीटर दर्ज किया गया।इसके अलावा फाफामऊ में गंगा के जलस्तर में भी पिछले चार घंटे में मात्र तीन सेमी गिरावट दर्ज की गई है। यानि गंगा भी स्थिर होने की तरफ अग्रसर हैं। अफसरों का कहना है कि दोनों नदियाें में पीछे छोड़ा गया पानी अब आने लगा है। आने वाले समय में जलस्तर में बढ़ोतरी भी दर्ज की जा सकती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 14, 2025, 08:34 IST
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