Tamil Nadu: मजबूत बुनियादी ढांचे ने तमिलनाडु को आर्थिक विकास के पथ पर आगे बढ़ाया, आर्थिक सर्वेक्षण में दावा

तमिलनाडु की प्रगतिशील सामाजिक नीतियां, मजबूत बुनियादी ढांचा और कुशल श्रम शक्ति ने राज्य को आर्थिक विकास की ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। वर्ष 2023-24 में राज्य का योगदान राष्ट्रीय जीडीपी में 9.21 प्रतिशत रहा। यह जानकारी राज्य योजना आयोग की तरफ से तैयार की गई तमिलनाडु के पहले आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में दी गई है। तेजी से बढ़ता तमिलनाडु का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) सर्वेक्षण के अनुसार, 2023-24 में तमिलनाडु का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 27.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस अवधि में नाम मात्र वृद्धि दर 13.71 प्रतिशत और वास्तविक वृद्धि दर 8.33 प्रतिशत रही। 2024-25 में भी तमिलनाडु 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर बनाए रख सकता है, जिससे यह देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में शामिल रहेगा। 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2.78 लाख रुपये थी, जो राष्ट्रीय औसत 1.69 लाख रुपये से 1.6 गुना अधिक थी। यह भी पढ़ें - Tamil Nadu: 'और कितने मूर्ख हो सकते हैं स्टालिन', बजट से '₹' का प्रतीक हटाने को लेकर सरकार पर अन्नामलाई का तंज औद्योगिक और सेवा क्षेत्र से मजबूती तमिलनाडु का आर्थिक विकास केवल एक या दो बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि कोयंबटूर, मदुरै, तिरुपुर, तिरुचिरापल्ली और सलेम जैसे शहर भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। 2023-24 में राज्य की सकल मूल्य वर्धित (जीएसवीए) संरचना इस प्रकार रही सेवा क्षेत्र – 53.63 प्रतिशत औद्योगिक (द्वितीयक) क्षेत्र – 33.37 प्रतिशत कृषि एवं प्राथमिक क्षेत्र – 13 प्रतिशत अगर राज्य में औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 5 फीसदी और बढ़ती है, तो रोजगार के अवसरों में और वृद्धि होगी। भारत के औद्योगिक हब के रूप में तमिलनाडु तमिलनाडु देश का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है और भारत की विनिर्माण जीडीपी में 11.90 प्रतिशत योगदान देता है। राज्य में 35.56 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पंजीकृत हैं, जिससे यह देश में दूसरे स्थान पर है। तमिलनाडु को 'भारत का डेट्रॉइट' भी कहा जाता है क्योंकि यहां 1,500 से अधिक ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट फैक्ट्रियां हैं।इसके अलावा, तमिलनाडु मोटर वाहन उत्पादन में पहले स्थान पर है। तैयार कपड़े, चमड़े के उत्पाद और वस्त्र निर्माण में अग्रणी है। इंजीनियरिंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, हथकरघा और चमड़ा उत्पादों का प्रमुख निर्यातक भी है। यह भी पढ़ें -Language Row: केंद्र और तमिलनाडु में भाषा विवाद गहराया, CM स्टालिन ने राज्य बजट से रुपये का प्रतीक चिह्न हटाया कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में तेजी से बढ़ोतरी संभव है, अगर तमिलनाडु भूजल की कमी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का समाधान करे। कृषि क्षेत्र में जलवायु-अनुकूल तकनीकों, मशीनीकरण और फसल कटाई के बाद मूल्य संवर्धन से किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। निवेश और रोजगार में बढ़ोतरी राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश भी बढ़ रहा है। 2019-20 में तमिलनाडु को 5,909 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ था, जो 2023-24 में बढ़कर 20,157 करोड़ रुपये हो गया। वहीं वाणिज्यिक बैंकों से उद्योगों को दिया गया कुल ऋण 2019-20 में 2.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 3.01 लाख करोड़ रुपये हो गया। तमिलनाडु का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात (सीडीआर) 2019-20 में 109.2 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 117.7 प्रतिशत हो गया, जबकि भारत का औसत 79.6 प्रतिशत ही रहा। गरीबी दर में जबरदस्त गिरावट तमिलनाडु ने गरीबी उन्मूलन में भी जबरदस्त प्रगति की है। बता दें कि, 2005-06 में राज्य की गरीबी दर 36.54% थी, जो 2022-23 में घटकर केवल 1.43% रह गई। जबकि, भारत की कुल गरीबी दर इस अवधि में 55.34% से घटकर 11.28% हुई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 13, 2025, 18:48 IST
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