Dehradun News: निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल के विरोध में प्रदर्शन
-उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने प्रदेशभर में किया विरोधअमर उजाला ब्यूरोदेहरादून। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर बृहस्पतिवार को प्रदेशभर में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 के विरोध में प्रदर्शन किया।मोर्चा संयोजक इंसारुल हक ने बताया कि एनसीसीओईईई की मांग है कि केंद्र सरकार तत्काल किसान-विरोधी, उपभोक्ता-विरोधी और कर्मचारी-विरोधी बिजली (संशोधन) विधेयक 2025 को वापस ले। यूपी में चल रही बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त किया जाए। कहा कि यदि केंद्र और राज्य सरकार उनकी आवाज नहीं सुनती है तो प्रदेशभर के बिजली कर्मचारी विधेयक और निजीकरण के खिलाफ आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे।संयुक्त मोर्चा ने कहा कि विधेयक के माध्यम से केंद्र सरकार देश के पूरे ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण करना चाहती है। निजीकरण के बाद बिजली दरें इतनी ऊंची हो जाएंगी कि वे किसानों और सामान्य उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक की धारा 14, 42 और 43 के माध्यम से निजी कंपनियों को सरकारी बिजली वितरण कंपनियों के नेटवर्क का उपयोग करके बिजली आपूर्ति करने का अधिकार दिया जा रहा है। बदले में वे सरकारी डिस्कॉम्स को केवल नाममात्र का व्हीलिंग चार्ज देंगी। इससे सरकारी क्षेत्र में बिजली वितरण का अंत शुरू हो जाएगा।इस मौके पर महासचिव राहुल चानना, लेखा संघ से प्रमुख सचिव एचएस रावत, हाइड्रो इलेक्ट्रिक एम्पलाइज यूनियन से प्रमुख महामंत्री सुनील तंवर, विद्युत संविदा संघ के अध्यक्ष विनोद कवि, विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन से प्रदीप प्रकाश शर्मा, पंकज सैनी, विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ से सुनील मोगा, उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ से प्रमुख महामंत्री प्रदीप कंसल ने विचार रखे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 27, 2025, 17:56 IST
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